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Ncert Solutions Class 8 Science Chapter 5 in Hindi Medium
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कक्षा : 8
विषय : विज्ञान
पाठ : 5 कोयला और पेट्रोलियम
अभ्यास
प्रश्न 1 – सीएनजी और एलपीजी का ईंधन के रूप में उपयोग करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर :- सीएनजी का अधिक लाभ यह है कि इसे घरों और कारखानों में सीधा जलाया जा सकता है। इसकी आपूर्ति पाइपों के माध्यम से की जा सकती है। इसका उपयोग ऊर्जा उत्पादन हेतु किया जाता है। इसका उपयोग परिवहन वाहनों में इंधन के रूप में किया जा है क्योंकि यह प्रदूषणकारी है और यह एक स्वच्छ इंधन है।
एलपीजी का उपयोग घरों और इंधनों के रूप में किया जाता है। एलपीजी की ज्वाला में धुआँ नहीं होता इसलिए यह प्रदूषण नहीं फैलाती। यह स्वच्छ इंधन है। इसकी संभाल करना आसान है।
प्रश्न 2 – पेट्रोलियम का कौन सा उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर :- बिटुमिन।
प्रश्न 3 – वर्णन कीजिए, मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है? यह प्रक्रम क्या कहलाता है ?
उत्तर :- लगभग 300 मिलियन वर्ष पूर्व पृथ्वी पर निचले जलीय क्षेत्रों में घने वन थे। बाढ़ जैसे प्राकृतिक प्रक्रमों के कारण, ये वन मृदा के नीचे दब गए। उनके ऊपर अधिक मृदा जम जाने के कारण वे संपीडित हो गए। जैसे–जैसे वे गहरे होते गए उनका ताप भी बढ़ता गया। उच्च दाब और उच्च ताप पर, पृथ्वी के भीतर मृत पेड़–पौधे धीरे–धीरे कोयले में परिवर्तित हो गए। कोयले में मुख्य रूप से कार्बन होता है। मृत वनस्पति के धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तन को कार्बनीकरण कहते हैं अर्थात यह प्रक्रम कार्बनीकरण कहलाता है।
प्रश्न 4 – रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :-
(क) ____ तथा ____ जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक करने का प्रक्रम ____ कहलाता है।
(ग) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन ____ है।
उत्तर:-
(क) कोयला तथा पेट्रोलियम जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक करने का प्रक्रम परिष्करण कहलाता है।
(ख) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन सीएनजी है।
प्रश्न 5 – निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य / असत्य लिखिए :-
(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं। (सत्य/असत्य)
(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सीएनजी अधिक प्रदूषक ईंधन है। (सत्य/असत्य)
(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। (सत्य/असत्य)
(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है। (सत्य/असत्य)
(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:-
(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं। (असत्य)
(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सीएनजी अधिक प्रदूषक ईंधन है। (असत्य)
(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। (सत्य)
(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है। (सत्य)
(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है। (असत्य)
प्रश्न 6 – समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं।
उत्तर :- जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन इसलिए है क्योंकि ये मृत जीवों के इंधन से बनते हैं और इन्हें परिवर्तन के लिए लाखों वर्ष का समय लग जाता है। ये उपयोग करने से खत्म हो सकते है, दोबारा शीघ्र प्राप्त नहीं हो सकते। जैसे:- वन, वन्यजीव, खनिज, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस इत्यादि।
प्रश्न 7 – कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :- यह एक कठोर, सरंध्र और काला पदार्थ है। यह कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। यह विद्युत् और ऊष्मा का कुचालक है। कोक का उपयोग इस्पात के औद्योगिक निर्माण और बहुत से धातुओं के निष्कर्षण में किया जाता है।
प्रश्न 8 – पेट्रोलियम निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर :- पेट्रोलियम का निर्माण समुद्र में रहने वाले जीवों से हुआ। जब ये जीव मृत हुए, इनके शरीर समुद्र के पेंदे मे जाकर जम गए और फिर रेत तथा मिट्टी के तहों द्वारा ढक गए। लाखों वर्षों में वायु की अनुपस्थिति, उच्च ताप और उच्च दाब ने मृत जीवों को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस में परिवर्तित कर दिया।
प्रश्न 9 – निम्नलिखित सारणी में 1991 से 1997 तक भारत में विद्युत् की कुल कमी को दिखाया गया है। इन ऑकड़ों को ग्राफ द्वारा आलेखित करिए। वर्ष में कमी प्रतिशतता को Y- अक्ष पर तथा वर्ष को X-अक्ष पर आलेखित करिए।
क्र.सं. | वर्ष | कमी (%) |
1 | 2004 | 7.8 |
2 | 2005 | 8.6 |
3 | 2006 | 9.0 |
4 | 2007 | 9.5 |
5 | 2008 | 9.9 |
6 | 2009 | 11.2 |
7 | 2010 | 10.0 |
उत्तर:-
पाठ के बीच में पूछे जाने वाले अन्य प्रश्न
प्रश्न – क्या हम अपने सभी प्राकृतिक संसाधनों का निरंतर उपयोग कर सकते है ?
उत्तर :- प्रकृति से मिले पदार्थों को प्राकृतिक संसाधन कहा जाता है। दैनिक उपयोग में आने वाले पदार्थों का वर्गीकरण प्राकृतिक और मानव निर्मित संसाधनों मैं किया गया है। जैसे :- प्राकृतिक और मानव निर्मित संसाधन में कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, वायु,जल और सूर्य का प्रकाश जिनका हम निरंतर उपयोग करते हैं।
प्रश्न – क्या प्रयोगशाला में मृत जीवों से कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस बनाई जा सकती है ?
उत्तर :- नहीं, प्रयोगशाला में मृत जीवों से कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नहीं बनाई जा सकती क्योंकि इनका बनना एक बहुत ही धीमा प्रक्रम है; साथ में इनका संचयन करोड़ों वर्ष की अवधि में हुआ है। इनके बनने की परिस्थितियां प्रयोगशाला में उत्पन्न नहीं की जा सकती।
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