एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ

Photo of author
PP Team

छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ प्राप्त कर सकते है। नागरिक शास्त्र कक्षा 8 के प्रश्न उत्तर छात्रों की सहायता के लिए बनाए गए हैं। ncert solutions class 8 civics chapter 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ के माध्यम से छात्र परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 8 नागरिक शास्त्र अध्याय 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ के प्रश्न उत्तर को साधारण भाषा में बनाया गया हैं। सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन class 8 अध्याय 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ के प्रश्न उत्तर नीचे देख सकते हैं। आइये फिर नीचे कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान पाठ 2 के प्रश्न उत्तर देखें।

NCERT Solutions Class 8 Social Science Civics Chapter 2 in Hindi Medium

छात्रों के लिए सामाजिक विज्ञान कक्षा आठवीं के प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त है। बता दें कि class 8 samajik vigyan chapter 2 question answer को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहायता से बनाया गया हैं।कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया हैं। सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन-3 class 8 chapter 2 नीचे से देखें।

पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1 – इस अध्याय की भूमिका को एक बार फिर पढ़िए। आपको ऐसा क्यों लगता है कि बदले की भावना इस समस्या से निपटने का सही रास्ता नहीं हो सकती ? अगर सारे समूह बदले के रास्ते पर चल पड़े तो क्या होगा ?

उत्तर :- हमने पढ़ा था कि हिटलर ने जर्मनी में यहूदियों पर अत्याचार किया। वहां कई लाख लोगों को केवल धर्म के आधार पर मार दिया था। अब यहूदी धर्म को मानने वाले इजरायल में मुसलमानों और ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं। सऊदी अरब में गैर- मुसलमानों को मंदिर या गिरजाघर बनाने के लिए छूट नहीं है। न ही इन धर्मों के लोग वहां पूजा -अर्चना के लिए किसी सार्वजनिक स्थल पर इकट्ठा हो सकते है। इन सभी उदाहरणों में एक धर्म के लोग अन्य धार्मिक समुदायों के लोगों के साथ या तो भेदभाव कर रहें है या उनको प्रताड़ित कर रहें है। भेदभाव की ऐसी घटनाएं तब और ज़्यादा बढ़ जाती है जब दूसरे धर्मों के स्थान पर राज्य किसी एक धर्म को अधिकृत मान्यता प्रदान करता है। ज़ाहिर है कोई भी व्यक्ति अपने धर्म की वजह से न तो भेदभाव का शिकार होना चाहता है और न ही किसी दूसरे धर्म का दबदबा झेलना चाहता है। लेकिन अगर हम इसके लिए लड़ाई एक दूसरे को मारना ये सब बदले की भावना शुरु करदेंगे तो हर जगह की अर्थव्यवस्था खराब हो जाएगी। समाज में गलत भावना फैलेगी। यह अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित करेगा। इस प्रकार बदले की भावना इस समस्या से निपटने का सही रास्ता नहीं हो सकती।

प्रश्न 2 – सरकारी स्कूलों में अकसर कई धर्मों के बच्चें आते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए धर्मनिरपेक्ष राज्य के तीन उद्देश्यों को दोबारा पढ़िए। आप इस बारे में दो वाक्य लिखिए कि सरकारी स्कूलों को किसी एक धर्म को बढ़ावा क्यों नहीं देना चाहिए।

उत्तर :- भारतीय संविधान में कहा गया है कि भारतीय राज्य धर्मनिरपेक्ष रहेगा। हमारे संविधान के अनुसार, केवल धर्मनिरपेक्ष राज्य ही अपने उद्देश्यों को साकार करते हुए निम्नलिखित बातों का खयाल रख सकता है कि:- कोई एक धार्मिक समुदाय किसी दूसरे धार्मिक समुदाय को न दबाए, कुछ लोग अपने ही धर्म के अन्य सदस्यों को न दबाएँ और राज्य न तो किसी खास धर्म को थोपेगा और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनेगा। स्कूल हमारे जीवन की शुरूआत होती है। हम सभी बाते यही से सीखते है और उसे अपने जीवन में लाते है। स्कूल हमारे जीवन का आधार होता है और यहां हर धर्म से जुड़े, हर जाति से जुड़े बच्चें आते है। अगर यहां भी धर्म के आधार पर भेदभाव होगा तो यही से समाज में भेदभाव फैलेगा इसका हमारी पीढ़ी पर बहुत बुरा असर पड़ेगा जो कि सही नहीं है।

प्रश्न 3 – क्या आप भारत के किसी भी भाग से हाल की कोई ऐसी घटना बता सकते है जहां संविधान के धर्मनिरपेक्ष आदर्शों का उल्लंघन किया गया हो और लोगों को उनके धर्म की वजह से प्रताड़ित किया गया हो या मारा गया हो।

उत्तर :- फ़रवरी 2004 में फ्रांस में एक कानून बनाया गया। इस कानून में प्रावधान किया गया कि कोई भी विद्यार्थी इस्लामी बुरका, यहूदी टोपी या बड़े – बड़े ईसाई क्रॉस जैसे धार्मिक अथवा राजनीतिक चिन्हों या प्रतीकों को धारण करके स्कूल में नहीं आएगा। फ्रांस में रहने वाले उन आप्रवासियों ने इस कानून का काफ़ी विरोध किया। वे मुख्यतया अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और मोरक्को आदि उन देशों से आए थे जो पहले फ्रांस के उपनिवेश थे। 1960 के दशक में फ्रांस में मजदूरों की कमी हो गई थी। उस समय इन आप्रवासियों को फ्रांस आकर काम करने के लिए वीजा यानी प्रवेश पत्र दिए गए थे। इन आप्रवासियों की बेटियाँ स्कूल में अकसर सिर पर रूमाल बाँधकर जाती हैं। लेकिन इस नए कानून के लागू होने के बाद उन्हें सिर पर रूमाल बाँधने के कारण स्कूलों से निकाल दिया गया।

अभ्यास:-

प्रश्न 1 – अपने आस पड़ोस में प्रचलित धार्मिक क्रियाकलापों की सूची बनाइए। आप विभिन्न प्रकार की प्रार्थनाओं विभिन्न देवताओं की पूजा विभिन्न पवित्र स्थानों, विभिन्न प्रकार के धार्मिक संगीत और गायन आदि को देख सकते है। क्या इससे धार्मिक क्रियाकलापों की स्वतंत्रता का पता चलता है ?

उत्तर :- हमारे आस पास के पड़ोस में विभिन्न धर्मों से जुड़े लोग रहते है जो अपने धर्म से अलग अलग पवित्र स्थानों को पूजते है, विभिन्न देवी – देवताओं की पूजा करते है। जैसे कि:- हिंदू धर्म से जुड़े लोग मंदिर में पूजा और प्रार्थना करते है। मुस्लिम लोग मस्जिद में नमाज़ और इबादत करते है। क्रिश्चयन धर्म से जुड़े चर्च में प्रार्थना करते है। सिक्ख धर्म से जुड़े गुरुद्वारे में अरदास व कीर्तन करते है। अलग – अलग धर्म से जुड़ी यह गतिविधियां दर्शाती है कि भारत में प्रत्येक व्यक्ति को धर्म अपनाने और उनको पुरी तरह से निभाने की स्वतंत्रता प्राप्त है।

प्रश्न 2 – अगर किसी धर्म के लोग यह कहते हैं कि उनका धर्म नवजात शिशुओं को मारने की छूट देता है तो क्या सरकार किसी तरह का दखल देगी या नहीं ? अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए।

उत्तर :-  हर व्यक्ति को भारत में अपने हिसाब से फैसले लेने की स्वतंत्रता दी गई है। चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार किसी को भी किसी के बीच में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। लेकिन अगर यह बात किसी भी धर्म के नवजात शिशु की है, तो हमारे किसी भी संविधान या धर्म में कहीं भी यह नहीं लिखा कि हमें नवजात शिशु को मारने का अधिकार दिया हुआ है। अगर सरकार को कहीं से भी यह बात ज्ञात होती है तो सरकार इसके विरुद्ध कड़े कदम उठाएगी और वह व्यक्ति सजा का हकदार कम रहेगा। सरकार उस नवजात शिशु को बचाने में पूरा हस्तक्षेप करेगी।

प्रश्न 3 – इस तालिका को पूरा कीजिए:-

उद्देश्य यह महत्वपूर्ण क्यों है ?इस उद्देश्य के उल्लंघन का उदाहरण
एक धार्मिक समुदाय दूसरे समुदाय पर वर्चस्व नहीं रखता  
राज्य न तो किसी धर्म को थोपता है और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनता है  
एक ही धर्म के कुछ लोग अपने ही धर्म के दूसरे लोगों को न दबाएं  

उत्तर:-

उद्देश्ययह महत्वपूर्ण क्यों है ?इस उद्देश्य के उल्लंघन  का उदाहरण
एक धार्मिक समुदाय दूसरे समुदाय पर वर्चस्व नहीं रखतायह धर्म की स्वतंत्रता है। धर्म की स्वतंत्रता धर्म – निरपेक्षता का सार है।इजरायल के यहूदी मुसलमानों और क्रिश्चयन के साथ बुरा व्यवहार करते है।
राज्य न तो किसी धर्म को थोपता है और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनता है। धर्म – निरपेक्ष राज्य को धर्म से अलग रखते है।राज्य छुआछूत जैसी सामाजिक समस्या को दूर करने के लिए धर्म में हस्तक्षेप करता है। 
एक ही धर्म के कुछ लोग अपने ही धर्म के दूसरे लोगों को न दबाएंधर्म की स्वतंत्रता समानता के सिद्धांत पर आधारित है।हर धर्म में कहीं ना कहीं छुआछूत की समस्या पाई जाती है।

प्रश्न 4 – अपने स्कूल की छुट्टियों के वार्षिक कैलेंडर को देखिए। उनमें से कितनी छुट्टियाँ विभिन्न धर्मों से संबंधित क्या संकेत मिलता है ?

उत्तर :-  

छुट्टियों के नाम                तारीख

लोहडी                        13 जनवरी

मकर संक्रांति               14 जनवरी

गणतंत्र दिवस                26 जनवरी

रविदास जयंती              31 जनवरी

बसंत पंचमी                  16 फरवरी

महा शिवरात्रि                 21 फ़रवरी

होली                        29 मार्च

गुड़ी पाड़वा                    13 अप्रैल

अम्बेडकर जयंती             14 अप्रैल

स्वतंत्रता दिवस               15 अगस्त

गणेश चतुर्थी                   10 सितम्बर

गांधी जयंती                   2 अक्टूबर

दशहरा                       15 अक्टूबर

दीवाली                         4 नवंबर

भैया दूज                      6 नवंबर

छट पूजा                       10 नवंबर

गुरु नानक देव जयंती        19 नवंबर

क्रिसमस दिवस                 25 दिसंबर

हिंदू धर्म :-  लोहडी, होली, रक्षाबंधन, दीवाली, दशहरा, भैया दूज, बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि

मुस्लिम धर्म :-  मोहर्रम,  ईद – ए – मिलाद, ईद – उल –  फितर

सिक्ख धर्म :- लोहडी, होली, गुरुनानक जयंती

जैन धर्म :-  महावीर जयंती

भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य है और हर व्यक्ति सभी धर्मों का सामान आदर और सम्मान करता है।

प्रश्न 5 – एक ही धर्म के भीतर अलग – अलग दृष्टिकोणों के कुछ उदाहरण दें।

उत्तर :- भारत अनेक विभिन्नताओं वाला देश है। भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग रहते है। भारतीय संविधान में भारत में रहने वाले हर नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता दी गई है। सभी व्यक्तियों का धर्म को मानने, पूजा करने का अलग – अलग तरीका होता है। यहां तक कि किसी मंदिर में अगर एक ही त्योहार मनाने के लिए कोई हिंदू परिवार जाता है तो उसे मनाने के लिए भी वे अलग तरीके अपनाते है। इस प्रकार एक ही धर्म के भीतर सबके अलग – अलग दृष्टिकोण है।

प्रश्न 6 – भारतीय राज्य धर्म से फ़ासला भी रखता है और उसमें हस्तक्षेप भी करता है। यह उलझाने वाला विचार लग सकता है। इस पर कक्षा में एक बार फिर चर्चा कीजिए। चर्चा के लिए इस अध्याय में दिए गए उदाहरणों के अलावा आप जानकारी के अन्य उदाहरणों का भी सहारा ले सकते हैं।

उत्तर :- भारतीय संविधान ने धर्म निरपेक्ष की धारणा को ग्रहण किया है। प्रस्तावना में भारत को एक धर्म-निरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है। भारत राज्य धर्म से आपको दूर भी रखता है, तथा आवश्यकता पड़ने पर उसमें हस्तक्षेप भी करता है। भारत का कोई आधिकारिक राज्य धर्म नहीं है। राज्य धर्म से दूर रहता है। भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता प्रदान की गई है। परंतु अनुच्छेद 25 राज्य को यह अनुमति देता है कि वह एक धर्म की राजनीतिक गतिविधियों को नियंत्रित करें। राज्य सभी हिंदू संस्थाओं द्वारा चलाई जाने वाली कल्याणकारी गतिविधियों एवं सुधारों को अनुमति प्रदान कर सकता है। सिक्खों को अपने साथ ‘किरपान‘ लेकर चलने की अनुमति है। हालांकि धार्मिक स्वतंत्रता जनकल्याण, नैतिकता तथा स्वास्थ्य के आधार पर प्रयोग की जा सकती है।

प्रश्न 7 – साथ में दिया गया यह पोस्टर ‘ शांति ‘ के महत्व को रेखांकित करता है। इस पोस्टर में कहा गया है कि “ शांति कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है … यह हमारी आपसी भिन्नताओं और साझा हितों को नजरअंदाज करके नहीं चल सकती। “ ये वाक्य क्या बताते हैं ? अपने शब्दों में लिखिए। धार्मिक सहिष्णुता से इसका क्या संबंध है ?

इस अध्याय में आप ही की उम्र के विद्यार्थियों ने भी धार्मिक सहिष्णुता पर तीन तस्वीर बनाई है। धार्मिक सहिष्णुता को ध्यान में रखते हुए अपने साथियों को दिखाने के लिए खुद एक पोस्टर बनाइए।

51811685582 8f78f1e949 n

उत्तर :- उपरोक्त वाक्यों से हमें पता चलता है कि शांति हम सभी को अच्छी लगती है। क्योंकि शांति होने पर ही राज्य में विकास के कार्य हो सकते हैं। इसीलिए प्रायः सभी धर्मों द्वारा शांति का प्रचार – प्रसार किया जाता है। क्योंकि शांति के बिना विकास संभव है। अतः विश्व के सभी धर्मों में शांति स्थापना के लिए आपसी सहयोग एवं सहिष्णुता होना आवश्यक है।

कक्षा 8 नागरिक शास्त्र के सभी अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे टेबल से देखें
अध्याय की संख्याअध्याय के नाम
अध्याय 1भारतीय संविधान
अध्याय 2धर्मनिरपेक्षता की समझ
अध्याय 3हमें संसद क्यों चाहिए?
अध्याय 4कानूनों के समझ
अध्याय 5न्यायपालिका
अध्याय 6हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली
अध्याय 7हाशियाकरण की समझ
अध्याय 8हाशियाकरण से निपटना
अध्याय 9जनसुविधाएँ
अध्याय 10कानून और सामाजिक न्याय

छात्रों को नागरिक शास्त्र कक्षा 8 के प्रश्न उत्तर प्राप्त करके काफी खुशी हुई होगी। class 8 social science in hindi में देने का उद्देश्य केवल छात्रों को बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप हमारी वेबसाइट के एनसीईआरटी के पेज से सभी कक्षाओं के एनसीईआरटी समाधान (NCERT Solutions in hindi) और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें (NCERT Books In Hindi) भी प्राप्त कर सकते हैं। हम आशा करते है कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा।

कक्षा 8 के इतिहास और भूगोल के एनसीईआरटी समाधानयहां से देखें

Leave a Reply