पोषण किसे कहते हैं? (Nutrition In Hindi) : पोषण के बारे में पूरी जानकारी पढ़ें

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पोषण (Nutrition)- हम सभी को अपने-अपने स्तर पर ऊर्जा (Energy) की जरूरत होती है। बिना एनर्जी के हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकते हैं। केवल इंसान ही नहीं बल्कि एक छोटी-सी चींटी से लेकर बड़े हवाई जहाज तक सभी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, मशीनें, सड़क पर सरपट दौड़ने वाली गाड़ियाँ, रेल गाड़ी, पानी के जहाज, हवाई जहाज आदि सभी के ऊर्जा का स्रोत (Source of Energy) अलग-अलग होता है, लेकिन सभी को एनर्जी भरपूर पोषण (Nutrition) से ही प्राप्त होती है।

पोषण (Nutrition)

हम मनुष्य पोषण के रूप में तरह-तरह का शाकाहारी और मासाहारी भोजन ग्रहण करते हैं, तो वहीं जानवर हरी घास, हरे पत्ते खाकर और दूसरे जानवरों का शिकार करके अपना पोषण पूरा करते हैं। मशीनों और गाड़ियों की पोषण की कमी बिजली, पेट्रोल और डीजल से पूरी होती है। इस प्रकार हम सभी किसी-न-किसी रूप में अपनी जरूरत के अनुसार पोषण की कमी दूर करते हैं। हम सभी के लिए पोषण (न्यूट्रिशन) बहुत जरूरी है। पोषण हमारे शरीर में ऊर्जा के अलावा और बहुत सी कमी को भी दूर करता है, जिसके बारे में आप इस आर्टिकल में पढ़ेंगे। आप हमारे इस पेज से पोषण किसे कहते हैं (Poshan Kise Kahate Hain), पोषण क्या है (Poshan Kya Hai), पोषण की परिभाषा, Nutrition in Hindi, पोषण कितने प्रकार के होते हैं, पोषक तत्व कितने हैं, पोषण अभियान आदि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

हम सभी को समय पर पोषण (Nutrition) मिलना बहुत जरूरी है। पोषण ही नहीं बल्कि शुद्ध और ताजा आहार (Diet) मनुष्य के शरीर और बुद्धि के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। पोषण की कमी हमें मानसिक (Mentally) और शारीरिक (Physically) रूप से कमजोर बनाती है। इसलिए समय पर सही पोषण लेने से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं और हमारा विकास संभव है। लेकिन हमारे देश में आज भी पोषण की कमी का आंकड़ा चरम पर है। आज भी न जाने कितने लोग और बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं और अपनी जान गवा रहे हैं। कितने लोगों को आज भी भूखे पेट सोना पड़ता है, जिससे उनकी पोषण की कमी पूरी नहीं हो पाती। इसलिए हम आपको पोषण से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं।

पोषण किसे कहते हैं? (What Is Nutrition? In Hindi)

पोषण का अंग्रेजी शब्द न्यूट्रिशन (Nutrition) है। हमें ज़िंदा रहने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है। जो भोजन या पोषक तत्व मनुष्य द्वारा ग्रहण किए जाते हैं, उस क्रिया को पोषण कहा जाता है। इससे भी आसान भाषा में हम समझें, तो जिस भोजन को हम खाते हैं और उस भोजन को पचा कर हमारे शरीर को जो ऊर्जा (एनर्जी) और शक्ति (पॉवर) मिलती है, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ (हेल्दी) रहता है, उसे हम पोषण (न्यूट्रिशन) कहते हैं। पोषण की आवश्यकता हमें कई अलग-अलग कारणों से पड़ती है। उन कारणों में शामिल हैं, ऊर्जा, शरीर का विकास, दिमाग तेज करना, शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखना, रोगों से लड़ना आदि। इसके अतिरिक्त हमारे खाने में अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व (Nutrient) जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज, लवण और जल है या नहीं इसका पता चलता है, जिसे भी हम पोषण (Nutrition) कहते हैं। अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्वों को अपने भोजन के माध्यम से प्राप्त करना ही पोषण (Poshan) कहलाता है। पोषण को संतुलित आहार (Balanced Diet) भी बोला जाता है।

पोषण की परिभाषा (Nutrition Definition In Hindi)

यदि हम पोषण को परिभाषा के तौर पर समझें, तो वह प्रक्रिया जिससे सभी जीव-जंतु भोजन ग्रहण करते हैं, जिसमें अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व शामिल हों और वह इस भोजन का इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन में करते हैं, उसे ही पोषण (Nutrition) कह जाता है। पोषण ही सभी जीवों की वृद्धि और विकास का मुख्य कारक है। बहुत से वैज्ञानिकों और आहार विशेषज्ञों ने अपने-अपने अनुसार पोषण की परिभाषा दी है, जिनमें से कुछ वैज्ञानिकों की परिभाषाएं निम्नलिखित हैं:-

  • चैंबर्स डिक्शनरी के अनुसार– पोषण का अर्थ है, एक्ट और प्रोसेस ऑफ नरिसिंग अर्थात भोजन चूसक कार्य अथवा प्रक्रिया जहां पर चूषक शब्द का अर्थ है, कि भोजन के प्रमुख तत्वों को खींचकर शरीर का एक अंग बनाना।
  • टर्नर के अनुसार– पोषण शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं का एक संगठन है, जिसके द्वारा जीवित प्राणी ऐसे पदार्थों को ग्रहण तथा उपयोग करता है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है, वृद्धि करता है तथा शारीरिक टूट-फूट की मरम्मत भी करता है।

पोषण कितने प्रकार के होते हैं? (Types Of Nutrition In Hindi)

पोषण को मुख्य रूप से दो प्रकार में बांटा गया है, 1. स्वपोषी पोषण या स्वपोषण (Autotrophic Nutrition) और 2. परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition)।

1. स्वपोषी पोषण या स्वपोषण (Autotrophic Nutrition)- वो जीव जो अकार्बनिक यौगिकों, कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और लाइट के जरिए खुद अपना भोजन बनाते हैं, उन्हें स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition) कहा जाता है। इसी क्रिया को स्वपोषण बोलते हैं। आसान शब्दों में कहें, तो वह जीव जो अपना खाना खुद ही बनाते हैं, उन्हें स्वपोषी कहते हैं और इनकी यह क्रिया स्वपोषी पोषण कहलाती है। हरे पेड़-पौधे स्वपोषण क्रिया करते हुए अपना भोजन स्वयं ही बनाते हैं। पेड़-पौधों द्वारा अपना भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) कह जाता है। ये क्लोरोफिल तथा लाइट की मौजूदगी में पानी और कार्बन डाइऑक्साइड से भोजन बनाते हैं और भोजन के अंदर कार्बोहाइड्रेट का निर्माण भी करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन मुक्त होती रहती है।

2. परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition)- वो जीव जो अपना खाना खुद नहीं बना सकते और अपने खाने के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर रहते हैं, उन्हें परपोषी या विषमपोषी (Heterotrophic) जीव कहा जाता है। इस क्रिया को परपोषी पोषण या विषमपोषण (Heterotrophic Nutrition) कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें, तो वह जीव जिन्हें अपना भोजन दूसरों से मिलता है और जो स्वयं अपना भोजन नहीं बनाते, परपोषी या विषमपोषी कहलाते हैं और पोषण की यह क्रिया परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण कहलाती है। इस तरह के जीव पूरी तरह से दूसरे जीवों पर ही निर्भर रहते हैं।

पोषक तत्व (Nutrients)

अभी तक आपने जाना कि पोषण (न्यट्रिशन) किसे कहते हैं। अब हम बात करते हैं कि पोषक तत्व (Nutrients) क्या होते हैं। वो तत्व जिनसे हमारे शरीर को पोषण मिलता है, जिनसे हमें ऊर्जा और शक्ति मिलती है, उन्हें पोषक तत्व (न्यूट्रिएंट्स) कहा जाता है। जब हम किसी भी तरह का भोजन ग्रहण करते हैं, तो उससे हमें पोषण मिलता होता है, जिसमें पोषक तत्व शामिल होते हैं। संतुलित भोजन में यह पोषक तत्व रासायनिक पदार्थों के रूप में होते हैं, जो लगभग पचास के आसपास होते हैं, इन्हें ही पोषक तत्व (Nutrients) कहा जाता है।

अन्य शब्दों में समझें, तो संतुलित भोजन में मिलने वाले सभी ज़रूरी रसायनिक पदार्थ जो हमारे शरीर के विकास के लिए मददगार होते हैं, वो ही पोषक तत्व हैं। एक संतुलित आहार में मौजूद अलग-अलग प्रकार के रासायनिक पदार्थ जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज, लवण, जल, विटामिन और रेशे आदि सभी भोजन का भाग हैं, जिन्हें पोषक तत्व (Poshak Tatva) कहा जाता है। इन्हीं पोषक तत्वों से हमारे शरीर को एनर्जी मिलती है और शरीर के अन्दर होने वाली सभी उपापचयी क्रियाएँ हो पाती हैं। परिभाषा की तरह इसे समझें, तो भोजन में शामिल वो तत्व जो हमारे शरीर की वृद्धि और विकास में मदद करते हैं, उन्हें पोषक तत्व कहा जाता है।

पोषक तत्वों के प्रकार (Types Of Nutrients In Hindi)

हमारी बॉडी को हर तरह के पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है, जो हमारे शरीर में पोषण की कमी को पूरा करते हैं। अगर किसी एक की भी कमी रह जाती है, तो हमारा शरीर कमजोर बन सकता है। इसलिए पोषक तत्वों के प्रकार के बारे में जानना बहुत जरूरी है, जो निम्नलिखित हैं-

  • कार्बोहाइड्रेट/शर्करा (Carbohydrate/Sugars)- कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) को शर्करा (शुगर) भी कहा जाता है। इनका स्वाद मीठा होता है। कार्बोहाइड्रेट हमें तुरन्त ऊर्जा पहुँचाता है और ये हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
  • वसा (Fat)- कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा ग्रहण करके उसे खर्च नहीं करते हैं, तो उससे हमारे शरीर में वसा (Fat) अर्थात् चर्बी जमा हो जाती है। क्योंकि जब हम एनर्जी खर्च नहीं करते हैं, तो कार्बोहाइड्रेट परत के रूप में हमारे शरीर में जमा होता जाता है, जिसे वसा, चर्बी या फैट कहा जाता है।
  • प्रोटीन (Protein)- प्रोटीन से शरीर को ज़्यादा ऊर्जा नहीं मिलती है। प्रोटीन का काम शरीर को ज़्यादा एनर्जी न देकर शरीर का विकास करना है।
  • खनिज (Minerals)- हमारे शरीर को ज़्यादा मिनरल्स की ज़रूरत नहीं होती है। कैल्शियम, फोस्फोरस, सल्फर, क्लोरीन, सोडियम, मैग्नेशियम आदि मिनरल्स की हमारे शरीर को ज्यादा आवश्यकता होती है। आयरन, फ्लोरीन, जिंक, ताँबा, मैग्नीज, आयोडीन, कोबाल्ट, क्रोमियम आदि की बहुत ही कम मात्रा हमारे शरीर को आवश्यकता होती है।
  • नमक या लवण (Salt)- हमारे शरीर को बहुत ही कम मात्रा में सोडियम की आवश्यकता होती है, जैसे रोज लगभग 1,500 मिलीग्राम तक। जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन करने से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • जल (Water)- हमारे शरीर में लगभग 65 से 70 प्रतिशत तक जल (Water) मौजूद होता है। पानी एक अकार्बनिक पदार्थ है, जो हमारे शरीर के आन्तरिक वातावरण में संतुलन का काम करता है। हमें रोज़ आठ से दस गिलास यानी कि दो से तीन लीटर पानी ज़रूर पीना चाहिए।
  • विटामिन (Vitamin)- हमारे शरीर में जो उपचयी, अपचयी और उपापचयी क्रियाएं होती हैं, उनको सही से कार्यन्वित करने का काम विटामिन्स (Vitamins) करते हैं। यदि आप चाहते हैं कि ये सभी क्रियाएँ सही से आपके शरीर में होती रहें, तो इसके लिए विटामिन्स का शरीर में होना आवश्यक है। अगर हमारे शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है, तो उससे अपूर्णता बीमारी हो जाती है।
  • रूक्षांश (Rookage)- रूक्षांश एक प्रकार का वनस्पति पदार्थ है जिसकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज़ से बनी होती है। हमारे शरीर के अंदर इसे पचाने वाले एंजाइम नहीं होते लेकिन फिर भी यह हमारे भोजन का एक ज़रूरी अंग है। यह फूड पाइप में खाने के गतिक्रम को बनाए रखने में सहायता करता है। यह फूड पाइप को साफ रखता है और कब्ज़ होने से बचाता है।
  • रेशे (Fibers)- डाॅक्टर हमेशा हमें रेशेदार सब्जियाँ या भोजन करने की सलाह देते हैं। सेम की फलियाँ भी एक रेशेदार सब्जी है जो हमारे शरीर की छोटी-बड़ी आंतों को साफ करने में मदद करती है। कब्ज़ के मरीज को रेशेदार (Fiber) भोजन खाना चाहिए, जिससे कि खाना जल्दी पच पाए और पेट भी अच्छे से साफ हो जाए।

मुख्य रूप से 7 पोषक तत्व हैं :-

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पोषण अभियान (Poshan Abhiyan)

पोषण अभियान 8 मार्च, वर्ष 2018 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। पोषण अभियान को राष्ट्रीय पोषण मिशन के रूप में भी जाना जाता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करना है। पोषण अभियान ने बच्चों के कम पोषण और जन्म के समय कम वजन को सालाना 2 प्रतिशत और एनीमिया को 3 प्रतिशत तक कम करने और देश में अच्छे पोषण के लिए एक जन आंदोलन बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए पोषण अभियान को और तेज करना होगा और ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को इस अभियान से जोड़ना होगा।

हर साल सितंबर के महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है, जिसमें मानव शरीर के लिए सही पोषण के महत्व और भूमिका के बारे में बताया जाता है। ज़रूरी पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन के साथ संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू कामकाज और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। पोषण व्यक्ति के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिस प्रकार स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है, ठीक उसी प्रकार हमारे दैनिक आहार में लवण, विटामिन, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का होना बहुत जरूरी है। पोषण अभियान जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और निजी क्षेत्रों की भागीदारी को शामिल करके एक जन आंदोलन है।

पोषण से जुड़े अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल (Nutrition FAQ’s In Hindi)

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प्रश्न- पोषण क्या है?
उत्तर- जिस भोजन या पोषक तत्व को हम ग्रहण करते हैं, उसे पोषण कहा जाता है।

प्रश्न- पोषण किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर- हमारे भोजन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व (Nutrient) जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज, लवण और जल है या नहीं इसका पता चलता है, जिसे हम पोषण (Nutrition) कहते हैं। पोषण दो प्रकार के होते हैं, स्वपोषी पोषण और परपोषी पोषण।

प्रश्न- पोषक पदार्थ क्या है?
उत्तर- पोषक पदार्थ वह हैं जो हमारे शरीर का विकास करते हैं।

प्रश्न- पोषण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- पोषण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिससे सभी जीव भोजन ग्रहण करते हैं।

प्रश्न- पोषण कैसे बनता है?
उत्तर- कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा अन्य खनिज पदार्थ मिलकर पोषण बनाते हैं।

प्रश्न- पोषण का क्या महत्व है?
उत्तर- पोषण हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। पोषण से हमें शक्ति व उर्जा मिलती है।

प्रश्न- स्वपोषी पोषण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- स्वपोषी पोषण उन्हें कहा जाता है जो साधारण अकार्बनिक अणुओं से जटिल कार्बनिक यौगिको का निर्माण कर सकते हैं। हरे पेड़-पौधे प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण के द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं तथा स्वपोषी कहलाते हैं।

प्रश्न- अल्प पोषण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- अल्‍पपोषण केवल पर्याप्‍त भोजन न खाने से ही नहीं होता। ये बचपन की बीमारियां, जैसे दस्त अथवा आंतों में कीड़े के संक्रमण से भी पोषक तत्वों का अवशोषण अथवा आवश्यकताएं प्रभावित हो सकती हैं। कुपोषण व्यापक शब्द है जो हर प्रकार के खराब पोषण से संबंधित है। सरल शब्दों में, कुपोषण में अल्पपोषण और अतिपोषण, दोनों शामिल हैं।

प्रश्न- प्रकाश संश्लेषण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं।

प्रश्न- स्वपोषी विषमपोषी में क्या अंतर है?
उत्तर- स्वपोषी वह होता है जो अपना भोजन स्वयं बनाता है। विषमपोषी वह होता है जो अपना भोजन स्वयं नहीं बनाता है अर्थात् दूसरों पर निर्भर रहता है।

प्रश्न- न्यूट्रिशन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर- प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, कार्बोहाइड्रेट, वसा, पानी, ज़िंक।

प्रश्न- पोषण औषधि क्या है इसके दो उदाहरण दीजिए?
उत्तर- एक आहार पूरक उत्पाद मुंह से लिया जाने वाला एक उत्पाद है जिसमें एक “आहारीय घटक” होता है जिसका उद्देश्य आहार को पूरा करना है। इन उत्पादों में “आहारीय घटकों” में विटामिन, खनिज लवण, जड़ी-बूटियां या अन्य वानस्पतिक पदार्थ, अमीनो अम्ल और एन्जाइम्स, अंग ऊतक, ग्रंथियां, चयापचयी पदार्थ जैसे पदार्थ शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न- पोषक तत्व कितने हैं?
उत्तर- मुख्य रूप से 7 पोषक तत्व हैं-

  • विटामिन-ए
  • विटामिन-डी
  • ​विटामिन-बी12
  • विटामिन-बी6
  • विटामिन-सी
  • ​विटामिन-ई
  • ​फोलिक एसिड

प्रश्न- पौष्टिक आहार की कमी से कौन सा रोग होता है?
उत्तर- पौष्टिक आहार की कमी से त्वचा की समस्या, अपच, बालों का गिरना, कमजोरी, आंखों की रोशनी कम होना, भूलने की समस्या जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं।

प्रश्न- संतुलित आहार से क्या लाभ है?
उत्तर- संतुलित आहार लेने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम कर सकते हैं। इससे हमारे शरीर में कमजोरी महसूस नहीं होती है और व्यक्ति खुद को फीट महसूस करता है।

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