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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 2 दो गौरैया

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PP Team

छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 2 दो गौरैया प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल पर कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 2 दो गौरैया के लिए पूरा एनसीईआरटी समाधान दिया हुआ है। छात्र ncert solutions for class 8 hindi durva chapter 2 दो गौरैया पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। ncert solutions for class 8 hindi durva को छात्रों की सहायता के लिए बनाया गया है। छात्र कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 2 दो गौरैया के प्रश्न उत्तर से परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। कक्षा 8 हिंदी दूर्वा पाठ 2 दो गौरैया के प्रश्न उत्तर नीचे देखें।

Ncert Solutions For Class 8 Durva Chapter 2

देखा गया है कि छात्र Class 8 Hindi Durva Solutions के लिए बाजार मिलनी वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से समाधान मुफ्त और ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। ncert solutions for class 8 hindi durva chapter 2 दो गौरैया को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया है। साथ ही कक्षा 8 हिंदी दूर्वा भाग 3 अध्याय 2 दो गौरैया के प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रख कर भी बनाया गया है।

कक्षा : 8
विषय : हिंदी (दूर्वा भाग -3)
पाठ : 2 दो गौरैया

पाठ से

(क) दोनों गौरैयों को पिताजी जब घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ क्यों मदद नहीं कर रही थी ? बस वह हँसती क्यों जा रही थी ?

उत्तर :- पिताजी बोले गौरैयाँ मेरे आगे क्या चीज हैं। मैं अभी इनको निकाल बाहर करता हूँ। “छोड़ो जी, चूहों को तो निकाल नहीं पाए, अब चिड़ियों को निकालेंगे। माँ कोई बात व्यंग्य में कहें तो पिताजी उबल पड़ते हैं। वह समझते हैं कि माँ उनका मजाक उड़ा रही हैं। वह फौरन उठ खड़े हुए और पंखे के नीचे जाकर ज़ोर से ताली बजाने लगे और मुँह से ‘श…. शू ‘ कहा, बाँहें झुलाई, फिर खड़े-खड़े कूदने लगे, कभी बाहें झुलाते, कभी श ..शू ‘ करते। माँ पिताजी की मदद तो कर नहीं रही थी बल्कि माँ फिर हँसने लगीं और कहने लगी कि ये निकलेंगी नहीं, जी। अब इन्होंने अंडे दे दिए होंगे।

(ख) देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। माँ ने पिताजी से गंभीरता से यह क्यों कहा ?

उत्तर :- माँ ने पिताजी से गंभीरता से इसलिए कहाँ क्योंकि माँ को लग रहा था कि अब तो चिड़िया ने अंडे दे दिए होगे और कोई भी माँ अपने बच्चों को ऐसे छोड़कर नहीं जाती। ऊपर से ऐसे चिड़िया को परेशान पड़ा , उसका घर तोड़ना भी सही नहीं था।

(ग) किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए,” पिताजी ने गुस्से में ऐसा क्यों कहा? क्या पिताजी के इस कथन से माँ सहमत थी? क्या तुम सहमत हो? अगर नहीं तो क्यों ?

उत्तर :- उन्होंने ऐसा इसलिए कहाँ क्योंकि चिड़िया बार-बार अंदर बाहर जाकर, घोसलों के तिनके बिखेरकर परेशान कर रही थी। लेकिन माँ और हम भी इस कथन से सहमत नहीं थे कि किसी प्राणी को ऐसे घर से निकालना है तो उसे मजबूर करो, उसका घर उजाड़ो।

(घ) कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी अबकी बार गौरैया की तरफ देखकर मुस्कुराते क्यों रहें ?

उत्तर:- पिताजी ने बाहर आँगन की ओर देखा और दोनों गौरैयाँ नजर आई। तभी सहसा जोर की आवाज़ आई , “ चीं चीं, चीं चीं !!! “पिताजी के हाथ ठिठक गए और बोले कि ये वापस आ गई। वे अभी भी झाँके जा रही थीं और चीं-चीं करके मानो अपना परिचय दे रही थीं , हम आ गई हैं। पिताजी स्टूल पर से नीचे उतर आए हैं और घोंसले के तिनकों में से लाठी निकालकर उन्होंने लाठी को एक ओर रख दिया है और चुपचाप कुर्सी पर आकर बैठ गए हैं। इस बीच माँ कुर्सी पर से उठीं और सभी दरवाजे खोल दिए। उनके माँ-बाप झट से उड़कर अंदर आ गए और चीं-चीं करते उनसे जा मिले। माँ पिताजी और मैं उनकी ओर देखते रह गए । कमरे में फिर से शोर होने लगा था , पर अबकी बार पिताजी उनकी ओर देख-देखकर केवल मुसकराते रहे।

2. पशु – पक्षी और हम

इस कहानी के शुरू में कई पशु – पक्षियों की चर्चा की गई है। कहानी में वे ऐसे कुछ काम करते हैं। जैसे मनुष्य करते हैं। उनको ढूँढ़कर तालिका पूरी करो:-

(क) पक्षी        घर का पता लिखवाकर लाए हैं।

(ख) बूढा चूहा   _____________________

(ग) बिल्ली    _____________________

(घ) चमगादड़   ____________________

(ड़) चीटियां    ____________________

(ख) बूढा चूहा     अंगीठी के पीछे बैठता है क्योंकि उसे सर्दी लग रही है।

(ग) बिल्ली          फिर आऊँगी कह कर चली जाती है।

(घ) चमगादड़      कसरत कर रहे है।

(ड़) चींटियाँ          फौज़ ही छावनी डाले हुए है।

3. मल्हार

नीचे दिए गए वाक्यों को पढ़ो:-

“जब हम लोग नीचे उतरकर आए , तब वे फिर से मौजूद थीं और मजे से बैठी मल्हार गा रही थीं।“

(क) अब तुम पता करो कि मल्हार क्या होता है? इस काम में बड़ों की सहायता भी ले सकते हो।

उत्तर:-  यह एक गीत है और माना जाता है कि इस राग के गानों से वर्षा होती है।

(ख) बताओ कि क्या सचमुच चिड़ियाँ ‘मल्हार‘ गा सकती है?

उत्तर:-  नहीं , चिड़िया सचमुच ‘मल्हार’ नहीं गा सकती।

(ग) बताओ की कहानी में चिड़ियों द्वारा मल्हार गाने की बात क्यों कही गई है ?

उत्तर :- क्योंकि चिड़िया इस कहानी में चीं चीं करती हुई दिखाई गई है।

4. पाठ से आगे

अलग-अलग पक्षी अलग – अलग तरह से घोंसला बनाते हैं। तुम कुछ पक्षियों के घोसलों के चित्र इकट्ठे करके उसे अपनी कॉपी पर चिपकाकर शिक्षक को दिखाओ

उत्तर:-   छात्र इस स्वयं लिखें।

5. अंदर आने के रास्ते

(क) पूरी कहानी में गौरैया, कहाँ-कहाँ से घर के अंदर घुसी थी ? सूची बनाओ।

उत्तर :- गौरैया कभी दरवाज़े से, दरवाज़े के नीचे खाली जगह से, कभी खिड़की से तो कभी रोशनदान के टूटे शीशे से अंदर घुसती थीं।

(ख) अब अपने घर के बारे में सोचो। तुम्हारे घर में यदि गौरैया आना चाहे तो वह कहाँ –  कहाँ से अंदर घुस सकती है? इसे अपने शिक्षक को बताओ।

उत्तर :-  हमारे घर में गौरैया अगर आना चाहे तो वे दरवाज़े, खिड़कियों, छत, खुले जालों से अंदर आ सकती है।

6. कहने का अंदाज़:-

“माँ खिलखिलाकर हँस दीं।“ इस वाक्य में ‘खिलखिलाकर‘ शब्द बता रहा है कि माँ कैसे हँसी थीं। इसी प्रकार नीचे दिए गए रेखांकित शब्दों पर भी ध्यान दो। इन शब्दों से एक-एक वाक्य बनाओ।

(क) पिताजी ने झिड़ककर कहा, “तू खड़ा क्या देख रहा है?”

(ख) आज दरवाजे बंद रखो, “उन्होंने हुक्म दिया।“

(ग) देखो जी चिड़ियों को मत निकालो, “माँ ने अबकी बार गंभीरता से कहा?

(घ) “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका पर तोड़ देना चाहिए, “उन्होंने गुस्से में कहा।

तुम इनसे मिलते – जुलते कुछ और शब्द सोचो और उनका प्रयोग करते हुए कुछ वाक्य बनाओ।
संकेत :– धीरे से , जोर से, अटकते हुए, हकलाते हुए, फुसफुसाते हुए आदि।

 उत्तर:-

(क) झिड़ककर :-  तुम ऐसे झिड़ककर क्यों बात कर रहे हो।

(ख) हुक्म :-  मैंने तुम्हें यह हुक्म दिया है , तुम्हें यह काम करना होगा।

(ग) गंभीरता :-  तुम मेरी बात को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लेते।

(घ) गुस्से  :-  उसने गुस्से में मुझें बहुत मारा।

संकेत

धीरे – से :- यहां तुम्हें धीरे – से बात करनी होगी।

ज़ोर – से :- तुम उसे ज़ोर – से चिल्लाकर बुला लो।

अटकते हुए :- अटकते हुए बात मत करो।

हकलाते हुए :- तुम जान करके हकलाते हुए क्यों बात कर रहे हो।

फुसफुसाते हुए :- तुम्हारी यह फुसफुसाते हुए बोलने की आदत कभी नहीं जाएगी।

7. किससे – क्यों – कैसे

“पिताजी बोले, क्या मतलब ? मैं कालीन बरबाद करवा लूँ ? “ :- ऊपर दिए गए वाक्य पर ध्यान दो और बताओ कि:-

(क) पिताजी ने यह बात किससे कही ?

उत्तर :- पिताजी ने यह बात माँ से कही।

(ख) उन्होंने यह बात क्यों कही ?

उत्तर:- उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि गोरैयों द्वारा लाए गए घास से घोंसला बनाने वाले तिनके कालीन पर गिर रहे है और उन्हें लगा कि इससे कालीन गन्दा हो रहा है। 

(ग) गौरैया के आने से कालीन कैसे बरबाद होता ?

उत्तर:-  गौरैया के आने से घास के तिनके , या जो भी खाना गौरैया लेकर आती वो भी गिरता , गौरैया बीट कर सकती थी जिससे कालीन बर्बाद होता।

8. समय:-

“पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है।“ ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि:-

(क) सराय और घर में क्या अंतर होता है ? आपस में इस पर चर्चा करो।

उत्तर :- सराय धर्मशाला की तरह होता है जहाँ लोग किराया देकर रहते हैं। वे वहां कुछ समय के लिए रहते हैं लेकिन घर से हमारी भावनाएं जुड़ी होती हैं। हम सालों साल एक ही घर में रहते हैं उसे छोड़ने का बिल्कुल मन नहीं करता।

(ख) पिताजी को अपना घर सराय क्यों लगता है ?

उत्तर :- पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है। हम तो जैसे यहाँ मेहमान हैं, घर के मालिक तो कोई दूसरे ही हैं। आँगन में आम का पेड़ है। तरह – तरह के पक्षी उस पर डेरा डाले रहते हैं। जो भी पक्षी पहाड़ियों घाटियों पर से उड़ता हुआ दिल्ली पहुँचता है, पिताजी कहते हैं वहीं सीधा हमारे घर पहुँच जाता है। यहाँ कभी तोते पहुँच जाते हैं, तो कभी कौवे और कभी तरह-तरह की गौरैयाँ।

9. गौरैया की चर्चा:-

मान लो तुम लेखक के घर की एक गौरैया हो। अब अपने साथी गौरैया को बताओ कि तुम्हारे साथ इस घर में क्या – क्या हुआ ?

उत्तर :- एक बार मैंने लेखक के घर घोंसला बनाया था। उस समय उस घर में कोई नहीं रहता था। लेकिन कुछ दिन बाद लेखक और उसके परिवार के घर आ गए। उन्होंने आकर देखा कि उनके घर घोंसला बना हुआ है। उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया कि मुझें घोंसला छोड़कर जाना पड़े। उन्होंने मुझें नहीं भगाया। उन्होंने कहा कि गौरैया रानी तुम अभी भी यही रहना तुम्हें कोई परेशान नहीं करेगा। वे मेरे और मेरे बच्चों को दाने खिलाते , पानी पिलाते। वे हमारा अच्छे से ख्याल रखते थे। उन्होंने हमारे लिए एक नया घोंसला बनाया। उस पर छत भी बनाई।

10. कैसे लगे

तुम्हें इस कहानी में कौन सबसे अधिक पसंद आया? तुम्हें उसकी कौन – सी बात सबसे अधिक अच्छी लगी ?

(क) माँ

(ख) पिताजी

(ग) लेखक

(घ) गौरैया

(ङ) चूहें

(च) बिल्ली

(छ) कबूतर

(ज) कोई अन्य/कुछ

उत्तर :- मुझें सबसे अधिक माँ पसंद आई जो चिड़िया को अपने पास रखना चाहती थी। वह नहीं चाहती थी कि पिताजी ऐसे धक्के से गौरैया को बाहर निकाले उसे परेशान करें।

11. माँ की बात:-

नीचे माँ द्वारा कही गई कुछ बातें लिखी हुई है। उन्हें पढ़ो।

“अब तो ये नहीं उड़ेगी। पहले इन्हें उड़ा देते तो उड़ जाती।“

“एक दरवाजा खुला छोड़ो , बाकी दरवाजे बंद कर दो। तभी ये निकलेंगी।“

“देखो जी चिड़ियों को मत निकालो अब तो इन्होंने यहाँ भी दे दिए होंगे। अब ये यहाँ से नहीं जाएँगी।“

अब बताओ कि:-

(क) क्या माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना चाहती थीं ?

उत्तर :- नहीं माँ चिड़िया को घर से सचमुच नहीं निकालना चाहती थी क्योंकि उन्हें यह लग रहा था कि चिड़िया ने अंडे दे दिए होगे और वे अंडों को छोड़कर कही नहीं जाएगी।

(ख) माँ बार – बार क्यों कह रही थीं कि ये चिड़ियाँ नहीं जाएँगी।

उत्तर :- माँ बार – बार ऐसा इसलिए कह रही थी क्योंकि उन्हें पता था चिड़ियों को अपने अंडों से बहुत लगाव होता है और अगर आप पहले इन्हें भेजते तो ये चली जाती लेकिन अगर अंडे दे दिए है तो बिल्कुल नहीं जाएगी।

13. शब्द की समझ:-

 चुक       –             चूक

(क) अब उनकी सहनशीलता चुक गई।

(ख) उनका निशाना चूक गया।

अब तुम भी इन शब्दों को समझो और उनसे वाक्य बनाओ:-

(i) सुख          –            सूख

……………………………………..

……………………………………..

(ii) धुल          –             धूल

…………………………………….

…………………………………….

(iii) सुना         –              सूना

…………………………………….

…………………………………….

उत्तर:-

(i) सुख :- रमेश का जीवन सुख से भरा हुआ है।

सूख :-  क्या तुम्हारें खेत सूख गए है।

(ii) धुल :- क्या तुम्हारें सभी कपड़े धुल गए।

धूल :-  तुम्हारें घर में बहुत धूल – मिट्टी है।

(iii) सुना :-  मैंने उसे कितना बुलाया , पर उसने सुना ही नहीं।

सूना :-  तुम्हारें बिना घर बिल्कुल सूना हो गया था।

कक्षा 8 हिंदी दूर्वा के सभी अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायअध्याय के नाम
1गुड़िया (कविता)
2दो गौरैया (कहानी)
3चिट्ठियों में यूरोप (पत्र)
4ओस (कविता)
5नाटक में नाटक (कहानी)
6सागर यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
7उठ किसान ओ (कविता)
8सस्ते का चक्कर (एकांकी)
9एक खिलाड़ी की कुछ यादें (संस्मरण)
10बस की सैर (कहानी)
11हिंदी ने जिनकी जिंदगी बदल दी – मारिया नेज्यैशी (भेंटवार्ता)
12आषाढ़ का पहला दिन (कविता)
13अन्याय के खिलाफ (कहानी) (आदिवासी स्वतंत्रता संघर्ष कथा)
14बच्चों के प्रिय श्री केशव शंकर पिल्लै (व्यक्तित्व)
15फर्श पर (कविता)
16बूढ़ी अम्मा की बात (लोककथा)
17वह सुबह कभी तो आएगी (निबंध)

हम आशा करते हैं कि छात्रों को ncert solutions for class 8 hindi durva chapter 2 दो गौरैया प्राप्त करके काफी खुशी हुई होगी। हमारा उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान (NCERT Solutions in hindi) और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें (NCERT Books In Hindi) भी प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा 8 हिंदी वसंत भाग 3 के लिए एनसीआरटी समाधानयहां से देखें

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