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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 13 अन्याय के खिलाफ

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PP Team
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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 13 अन्याय के खिलाफ प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल पर कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 13 अन्याय के खिलाफ के लिए पूरा एनसीईआरटी समाधान दिया हुआ है। छात्र ncert solutions for class 8 hindi durva chapter 13 अन्याय के खिलाफ पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। ncert solutions for class 8 hindi durva को छात्रों की सहायता के लिए बनाया गया है। छात्र कक्षा 8 हिंदी दूर्वा अध्याय 13 अन्याय के खिलाफ के प्रश्न उत्तर से परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। कक्षा 8 हिंदी दूर्वा पाठ 13 अन्याय के खिलाफ के प्रश्न उत्तर नीचे देखें।

Ncert Solutions For Class 8 Durva Chapter 13

देखा गया है कि छात्र Class 8 Hindi Durva Solutions के लिए बाजार मिलनी वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से समाधान मुफ्त और ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। ncert solutions for class 8 hindi durva chapter 13अन्याय के खिलाफ को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया है। साथ ही कक्षा 8 हिंदी दूर्वा भाग 3 अध्याय 13 अन्याय के खिलाफ के प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रख कर भी बनाया गया है।

कक्षा : 8
विषय : हिंदी (दूर्वा भाग -3)
पाठ : 13 अन्याय के खिलाफ

1. पाठ से

(क) आंध्र के घने जंगलों में रहने वाले आदिवासियों के बीच अपना हक जमाने के लिए अंग्रेज़ों ने क्या किया ?

उत्तर :- भारत देश अंग्रेजों का गुलाम था। लोगों को अंग्रेजों के तरह-तरह के अत्याचार सहन करने पड़ते थे। अंग्रेज शासन ने अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए भारत के लोगों को बहुत डरा धमका कर रखा था। हद तो तब हो गई जब अंग्रेजों ने आदिवासियों पर हक ज़माने के लिए अंदर जंगल के गाँवों में राशन लाने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए। किसी को भी सामान का एक जगह से दूसरी जगह जाना मुश्किल हो गया।

(ख)  श्री राम राजू कौन था? उसने अंग्रेज़ों के सामने आत्मसमर्पण क्यों किया ?

उत्तर :- अल्लूरी श्रीराम राजू एक साधु थे। हाई स्कूल तक पढ़ने के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और जंगल में आकर रहने लगे। जहां आदिवासियों से वो हिल – मिल गए , जब लोग उन्हें अपना दुःख – दर्द सुनाने लगे तो उनसे ये सब सहन नहीं हुआ और लोगों को सलाह दी कि तुम अंग्रेजों का काम करने से मना कर दो। अंग्रेजों के अत्याचार के सामने मत दबो। आदिवासी हिम्मत दिखाकर अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ लड़ने लगे। कुछ समय तक वे लड़े लेकिन उनकी हिम्मत भी जवाब देने लगी थोड़े समय में साधु के साथी और स्वयं साधु पुलिस की पकड़ में आ गए। लोग परेशान होकर राजू के पास पहुँचते। राजू से भी उनका दुःख देखा नहीं गया। राजू ने सोचा कि अगर मैं अंग्रेजों के सामने आत्म – समर्पण कर दूँ तो अंग्रेज आदिवासियों को परेशान नहीं करेंगे।

(ग) अंग्रेज़ों से लड़ने के लिए कोया आदिवासी क्या-क्या करते थे ?

उत्तर :- जब सँकरी पगडंडियों से सेना की टुकड़ी गुजर रही होती तो जंगलों में छिपे आदिवासी भारतीय सिपाहियों को गुजर जाने देते और जैसे ही अंग्रेज सारजेंट या कमांडर नज़र आते तो उन पर अचूक निशाना लगाते। आदिवासी लोग पुलिस चौकियों या सेना पर हमला कर देते थे और अस्त्र-शस्त्र लूटकर भाग जाते थे।

(घ) कोया आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम क्यों कहना चाहिए ?

उत्तर:-  कोया आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम इसलिए कहना चाहिए क्योंकि उनसे अंग्रेजों की गुलामी करना सहन नहीं हुआ। उन्होंने अपना हक पाने के लिए लड़ाई लड़ी और पूरी मेहनत से सबने एक दूसरे का सहयोग दिया। ये गुण स्वतंत्रता संग्रामी में ही होते हैं।

2. गांधी जी की बात

 “भारत के लोगों को अँग्रेज़ सरकार का सहयोग नहीं करना चाहिए और उनका काम बंद कर देना चाहिए। अगर कोई अँग्रेज़ अन्याय करेगा तो हम अन्याय सहने से इंकार करेंगे।“

ऊपर श्रीराम राजू द्वारा आदिवासियों से गाँधी जी की कही हुई बात का उल्लेख हुआ है। गाँधी जी ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए बहुत सारी बातें कही थी। यह सब तुम्हें गाँधी जी पर लिखी गई किताबों, फ़िल्मों और अन्य जगहों पर मिल सकता है। तुम उनकी कही हुई बातों में जो बहुत महत्वपूर्ण समझो उसको अपने साथियों को बताओं।

उत्तर :- गांधी जी ने कहा था कि हमें अपना छोटे से छोटा काम भी स्वयं करना चाहिए। न तो कभी किसी से खुद का काम कराना चाहिए और न ही किसी के भरोसे रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा की हमें सत्य की राह पर चलना चाहिए। अपने हक़ के लिए लड़ना चाहिए लेकिन इसके लिए अहिंसा का मार्ग अपनाना चाहिए।

3. देशभक्तों के नाम

तुमने इस पाठ में भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले दो व्यक्तियों के नामों को जाना। एक गाँधी जी और दूसरा श्रीराम राजू। पता करो कि भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वालों में तुम्हारे प्रदेश से कौन-कौन व्यक्ति थे।

उत्तर :- हमारे प्रदेश में झाँसी की रानी, सरदार भगत सिंह, जवाहर लाल नेहरू, चंद्रशेखर आज़ाद, लाल लाजपतराय कई देशभक्तों भारत की आज़ादी में संघर्ष किया है।

4. क्या ठीक होगा

(i) “दो दिन में जंगल में सड़क बनाने का काम शुरू होगा। तुम सब लोगों को इस काम पर पहुँचना है। अगर नहीं पहुँचे तो ठीक नहीं होगा।“

(ii) “काम करेंगे तो बदले में क्या मिलेगा।“

ऊपर के कथनों में पहला कथन तहसीलदार बेस्टीयन का है जो आदिवासियों के गाँवों में जाकर चिल्ला-चिल्लाकर बोला था और दूसरा कथन आदिवासियों में से किसी का है जो तहसीलदार से पूछना चाहा था। अब तुम सोचकर बताओ कि:-

(क) तुम्हारे विचार से बेस्टियन का कथन ठीक होगा ?

(ख) आदिवासियों में से किसी के द्वारा कहा गया वह कथन कैसा है? तुम्हारे विचार से क्या ठीक होगा ?

(संकेत :- तुम अपनी पसंद के कथन को अपने ढंग से लिख सकते हो।

उत्तर :-  हमारे विचार से आदिवासियों का कथन सही था क्योंकि अगर वे किसी का भी काम करे तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि काम करने के बदले में उन्हें क्या मिल रहा है। सबको अपने हक का ज्ञान होना चाहिए। बेस्टियन का कथन इसलिए ठीक नहीं था क्योंकि एक तो वह सबसे काम भी करा रहा है ऊपर से रौब भी झाड़ रहा है। उसके कथन से लग रहा है जैसे वह सबसे डरा धमकाकर काम कराना चाहता है।

5. पता करों

(i) सड़क बनाने में किन-किन सामानों की ज़रूरत होती है ? पता करके लिखो।

उत्तर :- सड़कें हाथों के श्रम से, या यंत्रों से, बनाई जाती है। सड़क बनाने में रोड़ी, डाबर, चूना, सीमेन्ट, फावड़ा, कुदाल, परात की आवश्यकता पड़ती है। सड़क की कुटाई तो मशीनी रोलरों से ही की जाती है। अधिकतर काम में आने वाली मशीनें हैं :- मिट्टी के काम में आने वाली स्क्रेपर, समतलक, बुलडोजर, रोड रोलर, उलटाऊ ठेले, खनित्र, बिछाई की मशीनें इत्यादि।

(ii) इन प्रदेशों में कौन-कौन से आदिवासी रहते हैं ? पता करके लिखो ?

(क) झारखंड

(ख) छत्तीसगढ़

(ग) उड़ीसा

(घ) मिजोरम

(ङ) अंडमान निकोबार द्वीप समूह

उत्तर:- (क) झारखंड :- मुंडा, उरांव, कोल

(ख) छत्तीसगढ़ :-  बैगा, मुरिया, हल्बा

(ग) उड़ीसा  :- कुटिया, बोंडा, जरावा

(घ) मिजोरम :- चकमा, दलांग, फलाम

(ङ) अंडमान निकोबार द्वीप समूह  :- जारवा, ग्रेट अंडमानीज, शोम्पेन

6. तुम्हारे विचार से

(क) राजू हाई स्कूल तक पढ़ाई करने के बाद जंगलों में रहने क्यों आया होगा ?

उत्तर :- जब राजू ने पढ़ाई छोड़ी तो बस वह जंगल की तरफ घूमने गया होगा और वहां लोगों की बातों से प्रेरित होकर वही रहने लगा होगा।

(ख) राजू के शहीद होने का आदिवासियों के आंदोलन पर क्या असर हुआ होगा ?

उत्तर :- जब अल्लूरी श्रीराम राजू आदिवासियों के आंदोलन की वजह से शहीद हुआ तो कोया आदिवासियों का आंदोलन भी टूट गया। उन्हें लगा होगा कि उनकी हिम्मत भी टूट गई। लेकिन उसके जाते-जाते भी वह उनकी सहायता करके गया। अंग्रेज सरकार ने अच्छा–खासा पाठ पढ़ लिया था। वे समझ गए थे कि आदिवासियों के साथ मनमर्जी नहीं की जा सकती। तब से आदिवासियों के हितों की रक्षा करने के लिए विशेष कोशिश करने का फैसला हुआ। कोया आदिवासियों ने इस आंदोलन से अन्याय के खिलाफ लड़ने की मिसाल स्थापित की।

8. मुहावरें

नीचे लिखे गए वाक्यों में मुहावरों का प्रयोग किया गया है। इन्हीं मुहावरों का प्रयोग करते हुए तुम कुछ नए वाक्य बनाओ।

(क) एक सिपाही ने उसका काम तमाम कर दिया।

(ख) आदिवासियों की हिम्मत जवाब देने लगी।

(ग) अंग्रेजों ने अपने दांतों तले उँगली दबा ली।

(घ) किसी को कानों कान खबर न हो।

(ङ) अँग्रेज़ सरकार के छक्के छूट गए।

(च) अँग्रेज़ के होश उड़ गए।

(छ) भारतीय सैनिकों का बालबांका न होने पाए।

उत्तर:-

(क)  सिपाहियों ने कॉलोनी से सभी चोरों को पकड़कर उनका काम तमाम कर दिया।

(ख) घर का इतना सारा काम करके मेरी हिम्मत जवाब देने लगी।

(ग) मीना शर्म के मारे दांतो तले उँगली दबाने लगी।

(घ) राकेश द्वारा किए गए काम की किसी को कानों कान खबर न हो।

(ड) रेस में जीतकर रोहन ने सबके छक्के छुटा दिए।

(च) मैंने जब राहुल को चोरी करते पकड़ा उसके होश उड़ गए।

(छ) तुम्हें जो करना है करो, लेकिन ये ध्यान रखना हमारी सेना का बालबांका न होने पाए।

9. ‘मन और मन’

(क) आदिवासियों के साथ मन-मर्जी नहीं की जा सकती।

उसके पास कई मन गेहूँ था।

ऊपर के पहले वाक्य में ‘मन’ का मतलब है दिल, हृदय। दूसरे वाक्य में मन नाप-तौल का एक शब्द है। इस तरह मन के दो अर्थ हैं। ऐसे शब्दों को अनेकार्थक शब्द कहते हैं। नीचे दिए गए शब्दों को पढ़ों और वाक्य बनाओ।

सोना – सो जाना (नींद)

         स्वर्ण, एक धातु

उत्तर – एक दिशा

              जवाब

हार – पराजय, हार जाना

              माला

उत्तर :-    

सोना (नींद)  :- देर हो गई है , मुझे अब सोना चाहिए।

स्वर्ण (एक धातु) :- उनके घर बहुत ज्यादा स्वर्ण है।

उत्तर (एक दिशा) :- क्या तुम्हारा घर उत्तर दिशा में है ?

जवाब :- मुझे मेरी हर बातों का उत्तर (जवाब) चाहिए।

हार (पराजय) :- तुम्हें रेस में हारना नहीं है, यही कोशिश करना।

माला :-  तुम शादी के लिए समय से हार ले आना।

10. वचन बदलो

(क) सिपाही ने राजू पर गोली चलाई।

सिपाहियों ने …………………

उत्तर:- सिपाहियों ने राजू पर गोलियाँ चलाई।

(ख) उगी हुई फसल को जलाया जाने लगा।

………………………………

उत्तर:- उगी हुई फसलों को जलाया जाने लगा।

(ग) आदिवासी की हिम्मत जवाब दे गई।

उत्तर:- आदिवासियों की हिम्मत जवाब दे गई।

(घ) आगे से यह सवाल मत पूछना।

उत्तर :- आगे से इन सवालों को मत पूछना।

11. समझकर रूप बदलो

भाववाचक संज्ञा से विशेषण बनाओ।

घमंड     घमंडी

हिम्मत    ……….

साहस     ………

स्वार्थ     ………

अत्याचार   ………

विद्रोह       ………

उत्तर:-  हिम्मत       हिम्मती

साहस     साहसी

स्वार्थ      स्वार्थी

अत्याचार    अत्याचारी

विद्रोह       विद्रोही

कक्षा 8 हिंदी दूर्वा के सभी अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायअध्याय के नाम
1गुड़िया (कविता)
2दो गौरैया (कहानी)
3चिट्ठियों में यूरोप (पत्र)
4ओस (कविता)
5नाटक में नाटक (कहानी)
6सागर यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
7उठ किसान ओ (कविता)
8सस्ते का चक्कर (एकांकी)
9एक खिलाड़ी की कुछ यादें (संस्मरण)
10बस की सैर (कहानी)
11हिंदी ने जिनकी जिंदगी बदल दी – मारिया नेज्यैशी (भेंटवार्ता)
12आषाढ़ का पहला दिन (कविता)
13अन्याय के खिलाफ (कहानी) (आदिवासी स्वतंत्रता संघर्ष कथा)
14बच्चों के प्रिय श्री केशव शंकर पिल्लै (व्यक्तित्व)
15फर्श पर (कविता)
16बूढ़ी अम्मा की बात (लोककथा)
17वह सुबह कभी तो आएगी (निबंध)

हम आशा करते हैं कि छात्रों को ncert solutions for class 8 hindi durva chapter 13 अन्याय के खिलाफ प्राप्त करके काफी खुशी हुई होगी। हमारा उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा 8 हिंदी वसंत भाग 3 के लिए एनसीआरटी समाधानयहां से देखें

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