एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी संक्षिप्त बुद्धचरित अध्याय 3 ज्ञान-प्राप्ति

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Ncert Solutions Class 10 Hindi Sanshipt Budhcharit Chapter 3

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कक्षा : 8
विषय : हिंदी (संक्षिप्त बुद्धचरित)
पाठ : 3 ज्ञान-प्राप्ति

प्रश्न 1 – अराड मुनि ने अविद्या किसे कहा है ?

उत्तर :- अराड ने पाँच अवस्थाओं को अविद्या कहा हैं जिसमें फँसकर व्यक्ति पुन:‑पुन: जन्‍म और मृत्‍यु के चक्र में पड़ता है :-

(क) आलस्य

(ख) जन्म-मृत्यु

(ग) काम

(घ) क्रोध

(ङ) विषाद

प्रश्न 2 – कठोर तपस्या में लगे सिद्धार्थ ने किस कारण भोजन करने का निर्णय लिया ?

उत्तर :-  काफी समय से भोजन न करने के कुछ समय के बाद उन्‍हें ऐसा लगने लगा कि इस प्रकार की कठोर तपस्‍या से व्‍यर्थ ही शरीर को कष्‍ट होता है। यह तापस धर्म न वैराग्‍य दे पाता है, न बोध, न मु‍क्‍त‍ि। उन्‍हें ऐसी अनुभूति भी हुई कि दुर्बल व्‍यक्‍ति को मोक्ष नहीं मिल सकता। वे शरीर‑बल‑वृद्ध‍ि के विषय में विचार करने लगे। उन्‍होंने सोचा भूख, प्‍यास और श्रम से अस्‍वस्‍थ मन के द्वारा मोक्ष भला कैसे प्राप्‍त हो सकता है? उन्‍हें लगा कि आहार तृप्‍त‍ि से ही मानसिक शक्‍ति मिलती है। स्‍थि‍र और प्रसन्‍न मन ही समाधि पा सकता है तथा समाधि युक्‍त चित्‍त वाला व्‍यक्‍ति‍ ही ध्‍यान योग कर सकता है, ध्‍यान योग के सिद्ध हो जाने के बाद साधक उस धर्म को प्राप्‍त करता है, जिससे उसे दुर्लभ, शांत, अजर‑अमर पद प्राप्‍त होता है। उन्‍हें लगा कि मुक्‍ति‍ का उपाय आहार पर ही आधारित है। अत: उन्‍होंने भोजन करने की इच्‍छा की।

प्रश्न 3 – मार कौन था ? वह बुद्ध को क्यों डरा रहा था?

उत्तर :- मार सद्धर्म का शत्रु था। उसे सामान्‍यत: कामदेव, चित्रायुध और पुष्‍पशर कहा जाता है। यह काम के संचार का अधिपति है, यही मार है। उसके विभ्रम, हर्ष और दर्प नाम के तीन पुत्र हैं और अरति, प्रीति और तृषा नाम की तीन कन्‍याएँ हैं। उन्‍होंने जब अपने पिता को भयभीत देखा तो इसका कारण जानना चाहा। मार ने अपने पुत्र और पुत्रियों को बताया- “देखो, इस मुनि ने प्रतिज्ञा का कवच पहनकर सत्‍व के धनुष पर अपनी बुद्ध‍ि के बाण चढ़ा लिए हैं। यह हमारे राज्‍य को जीतना चाहता है। यही मेरे दुख और भय का कारण है। यदि यह मुझे जीत लेता है और सारे संसार को मोक्ष का मार्ग बता देता है तो राज्‍य सूना हो जाएगा। इसलिए यह ज्ञान‑दृष्टि प्राप्‍त करे उससे पहले ही मुझे इसका व्रत भंग कर देना चाहिए। अत: मैं भी अभी अपना धनुष‑बाण लेकर तुम सबके साथ इस पर आक्रमण करने जा रहा हूँ।”

प्रश्न 4 – सिद्धार्थ के बुद्धत्व प्राप्त करने पर प्रकृति में किस प्रकार की हलचल दिखाई पड़ी ?

उत्तर:- जैसे ही सिद्धार्थ को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई  रात्रि के चतुर्थ प्रहर में सारा चराचर जगत शांत था, महाध्‍यानी मुनि ने अविनाशी पद प्राप्‍त किया और वे सर्वज्ञ बुद्ध हो गए। सारी दिशाएँ सिद्धों से दीप्‍त हो गर्इं और आकाश में दुंदुभी बजने लगी। बिना बादल बरसात होने लगी, मंद‑मंद पवन प्रवाहित होने लगी, वृक्षों से फल‑फूल बरसने लगे और स्‍वर्ग से पुष्‍प वर्षा होने लगी। चारों ओर धर्म छा गया। इक्ष्‍वाकु वंश के मुनि ने सिद्ध‍ि प्राप्‍त कर ली और वे बुद्ध हो गए; यह जानकर देवता और ॠषिगण उनके सम्‍मान के लिए विमानों पर सवार होकर उनके पास आए और अदृश्‍य रूप में उनकी स्‍तुति करने लगे।

कक्षा 8 हिंदी संक्षिप्त बुद्धचरित के सभी अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायअध्याय के नाम
1आरंभिक जीवन
2अभिनिष्क्रमण
3ज्ञान-प्राप्ति
4धर्मचक्र प्रवर्तन
5महापरिनिर्वाण

हम आशा करते हैं कि छात्रों को ncert solutions for class 8 hindi sanshipt budhcharit chapter 3 ज्ञान-प्राप्ति प्राप्त करके काफी खुशी हुई होगी। हमारा उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं।

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