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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 6 शुक्रतारे के समान

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PP Team
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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 6 एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा के एनसीईआरटी समाधान प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए इस आर्टिकल पर सरल भाषा में एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 6 शुक्रतारे के समान बनाये गए हैं। आपको हमारी वेबसाइट parikshapoint.com पर कक्षा 9 हिंदी के सभी पुस्तकों के एनसीईआरटी समाधान मिल जायेंगे। छात्र कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 6 शुक्रतारे के समान के प्रश्न उत्तर (hindi sparsh class 9 chapter 6 question answers) नीचे से प्राप्त कर सकते हैं। स्पर्श भाग 1 कक्षा 9 के प्रश्न उत्तर प्राप्त करने के लिए आपको किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Sparsh chapter 6

कक्षा 9 हिंदी स्पर्श के प्रश्न उत्तर (hindi sparsh class 9 chapter 6 question answers) को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। ताकि छात्र परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सके। देखा गया है कि छात्र class 9 hindi sparsh solutions के लिए बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। फिर उन गाइड को संभाल कर रखने में भी दिक्कत होती हैं। लेकिन आप हमारे इस पेज से class 9 hindi chapter 6 question answer sparsh पूरी तरह से ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। हमने एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 6 शुक्रतारे के समान (ncert solutions for class 9 hindi sparsh) को राष्ट्रीय शैशिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की सहायता से बनाया है।

अभ्यास

मौखिक :-

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:-

प्रश्न 1 – महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे?

उत्तर :- महादेव भाई अपना परिचय गांधीजी का हम्माल और कभी-कभी उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।

प्रश्न 2 – ‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?

उत्तर :- ‘यंग इंडिया’ नाम का एक अंग्रेजी साप्ताहिक निकाला जाता था। लेकिन उसमें ‘क्रानिकल’ वाले हार्नीमैन ही मुख्य रूप से लिखते थे। उनको देश निकाला मिलने के बाद इन लोगों को हर हफ्ते साप्ताहिक के लिए लिखनेवालों की कमी रहने लगी।

प्रश्न 3 – गांधी जी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?

उत्तर :- गांधी जी ने ‘यंग इंडिया’ को हफ्ते में दो बार प्रकाशित करने के विषय में निश्चय किया।

प्रश्न 4 – गांधी जी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?

उत्तर :- गांधी जी से मिलने से पहले महादेव भाई विद्यार्थी अवस्था में सरकार के अनुवाद विभाग में काम करते थे।

प्रश्न 5 – महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?

उत्तर :- महादेव भाई के झोलों में ताजे- ताजे समाचार पत्र, मासिक पत्र, राजनीतिक प्रवाह और घटनाओं से जुड़ी जानकारी, यंग इंडिया और नवजीवन से जुड़े लेख भरे रहते थे।

प्रश्न 6 – महादेव भाई ने गांधी जी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?

उत्तर :- महादेव भाई ने गांधी जी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ पुस्तक का अनुवाद किया था। यह अनुवाद अंग्रेजी भाषा में किया गया था।

प्रश्न 7 – अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते थे?

उत्तर :- ये दो साप्ताहिक ‘यंग इंडिया’ और ‘नवजीवन’ थे।

प्रश्न 8 – महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?

उत्तर :- महादेव भाई लगातार चलनेवाली यात्राओं, हर स्टेशन पर दर्शनों के लिए इकट्ठा हुई जनता के विशाल समुदायों, सभाओं, मुलाकातों, बैठकों, चर्चाओं और बातचीतों के बीच वे स्वयं कब खाते, कब नहाते, कब सोते या कब अपनी हाज़तें रफा करते, किसी को इसका कोई पता नहीं चल पाता। वे एक घंटे में चार घंटों के काम निपटा देते। काम में रात और दिन के बीच कोई फर्क शायद ही कभी रहता हो।

प्रश्न 9 – महादेव भाई से गांधी जी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?

उत्तर :- यह निकटता तब सिद्ध होती है जब गांधी जी को प्यारेलाल से कुछ कहना होता तो वे अनायास ही उन्हें महादेव के नाम से पुकारते।

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:-

प्रश्न 1 – गांधी जी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?

उत्तर :- जब सन् 1917 में महादेव गांधीजी के पास पहुँचे, तभी गांधीजी ने उनको तत्काल पहचान लिया और उनको अपने उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया। सन् 1919 में जलियाँवाला बाग के हत्याकांड के दिनों में पंजाब जाते हुए गांधीजी को पलवल स्टेशन पर गिरफ़्तार किया गया था। गांधीजी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।

प्रश्न 2 – गांधी जी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?

उत्तर :- महादेव आने वालों की बातों की संक्षिप्त टिप्पणियाँ तैयार करके उनको गांधीजी के सामने पेश करते थे और आनेवालों के साथ उनकी रूबरू मुलाकातें भी करवाते थे।

प्रश्न 3 – महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?

उत्तर :- ‘चित्रांगदा’ कच- देवयानी की कथा पर टैगोर द्वारा रचित ‘विदाई का अभिशाप’ शीर्षक नाटिका, ‘शरद बाबू की कहानियाँ’ आदि अनुवाद उस समय की महादेव भाई द्वारा दी गई साहित्यिक गतिविधियों की देन हैं।

प्रश्न 4 – महादेव, भाई की अकाल मृत्यु को कारण क्या था?

उत्तर :- महादेव भाई दिनभर काम करके शाम को वापस पैदल आते थे। जाते आते पूरे 11 मील चलते थे। रोज़ रोज़ का यह सिलसिला लंबे समय तक चला। कुल मिलाकर इसका जो प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, उनकी अकाल मृत्यु के कारणों में वह एक कारण माना जा सकता है।

प्रश्न 5 – महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधी जी क्या कहते थे?

उत्तर :- महादेव भाई द्वारा लिखें गए लेख बिना शार्टहैंड जेट की गति से लिखा जाता था। उनके लेख में कॉमा मात्र की भी कोई गलती नहीं होती थी। गांधी जी कहते कि महादेव के लिखें नोट के साथ थोड़ा मिलान कर लेना था न। लोग यह सुनकर दांतो तले उंगली दबाकर रह जाते।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए:-

प्रश्न 1 – पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?

उत्तर :- पंजाब में फ़ौजी शासन के कारण जो कहर बरसाया गया था, उसका ब्योरा रोज़-रोज़ आने लगा। पंजाब के अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार करके फ़ौजी कानून के तहत जन्म कैद की सजाएँ देकर कालापानी भेज दिया गया। लाहौर के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक पत्र ‘ट्रिब्यून’ के संपादक श्री कालीनाथ राय को 10 साल की जेल की सजा मिली।

प्रश्न 2 – महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाडला बना दिया था?

उत्तर :- महादेव जी सेवाधर्म का पालन करते थे। महादेव गांधीजी की यात्राओं के और प्रतिदिन की उनकी गतिविधियों के साप्ताहिक विवरण भेजा करते। इसके अलावा महादेव, देश विदेश के समाचार पत्र, जो आँखों में तेल डालकर गांधीजी की प्रतिदिन की गतिविधियों को देखा करते थे और उन पर बराबर टीका-टिप्पणी करते रहते थे। उनके लेख भी ऐसे लिखें होते थे कि कोई कॉमा मात्र की भी गलती नहीं निकाल सकता था। उनका सारा जीवन गांधी जी से ही जुड़ा हुआ था। बेजोड़ कॉलम, भरपूर चौकसाई, ऊँचे-से-ऊँचे ब्रिटिश समाचार-पत्रों की परंपराओं को अपनाकर चलने का गांधीजी का आग्रह और कट्टर से कट्टर विरोधियों के साथ भी पूरी-पूरी सत्यनिष्ठा में से उत्पन्न होने वाली विनय- विवेक युक्त विवाद करने की गांधीजी की तालीम इन सब गुणों ने तीव्र मतभेदों और विरोधी प्रचार के बीच भी देश-विदेश के सारे समाचार पत्रों की दुनिया में और एंग्लो-इंडियन समाचार-पत्रों के बीच भी व्यक्तिगत रूप से महादेव जी को सबका लाड़ला बना दिया था।

प्रश्न 3 – महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?

उत्तर :- वह चर्चित सभी बातों को पूर्ण रूप से लिखते थे फिर भी कोई कॉम की भी गलती नहीं निकाल सकता था। उनके लेख में चर्चित सभी एक-एक बातें होती थी। जबकि शार्टहैंड लिखने वाले गलती करते थे और गांधी जी कहते तुम्हें महादेव द्वारा लिखें लेख से पहले मिला लेना चाहिए। उनकी लम्बी लिखावट जेट की गति से लिखी जाती थी।

(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए:-

प्रश्न 1 – ‘अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।’

उत्तर :- इस शब्द से अभिप्राय है जो एक साथ अनेक काम करें चाहे खाने-पीने से जुड़ा हो या कोई सामान उठाने से। महादेव का सम्पूर्ण जीवन गांधी जी से जुड़ा हुआ था। पूरा समय उन्होंने गांधी जी के साथ सेवाधर्म में बिता दिया। उन्होंने अपने सम्पूर्ण काम को ‘‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ का रूप दिया और इसमें उनको कोई शर्म नहीं आती थी बल्कि वे गौरव का अनुभव किया करते थे।

प्रश्न 2 – इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफेद और सफेद को स्याह करना होता था।

उत्तर :- यहाँ वकालत से जुड़े काम को ऐसा कहा गया है जिसमें सब जानते है जहाँ सच को कभी झूठला दिया जाता है तो कभी झूठ को सच बता कर केस जीत लिया जाता है।

प्रश्न 3 – देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।

उत्तर :- इससे अभिप्राय यह है कि जहाँ महादेव जी ने अपनी लिखित कला और सेवाधर्म से पूरी दुनिया के लाडले बने हुए थे वहां एक दिन जैसे शुक्रतारा गायब हुआ वैस ही वे भी सबको खुश करके दुनिया से चलें गए।

प्रश्न 4 – उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।

उत्तर :- इससे अभिप्राय यह है कि सबको महादेव द्वारा लिखें गए लेख,  उनका जेट की उड़ान की तरह सम्पूर्ण बातों का बिना गलती लिखना इतना सराहनीय होता था कि बड़े पद पर बैठे लोग भी हैरान रह जाते थे।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1 – ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए:-

सप्ताह – साप्ताहिक

अर्थ – ………..

साहित्य – ………..

धर्म – ………..

व्यक्ति – ………….

मास – ……….

राजनीति – …………

वर्ष – ……….

उत्तर:-

अर्थ – आर्थिक

साहित्य – साहित्यिक

धर्म – धार्मिक

व्यक्ति – वैयक्तिक

मास – मासिक

राजनीति – राजनैतिक

वर्ष – वार्षिक

प्रश्न 2 – नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए:-

अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि

उत्तर:-

अ +  काल = अकाल

नि +  खार = निखार

अन + मोल = अनमोल

दुर +  आचार = दुराचार

वि + नय = विनय

कु + मार्ग = कुमार्ग

पर +   लोक = परलोक

सु +  पुत्र = सुपुत्र

अधि + कार = अधिकार

प्रश्न 3 – निम्नलिखित मुहावरों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:-

आड़े हाथों लेना
दाँतों तले अंगुली दबाना
लोहे के चने चबाना
अस्त हो जाना
मंत्रमुग्ध करना

उत्तर :- आड़े हाथों लेना :- किसी को खरी खोटी सुनाना ( तुम स्कूल का काम समय पर किया करो नहीं मैम तुम्हें एक आड़े हाथों ले लेगी।)

दांतो तले अंगुली दबाना :- हैरान हो जाना (तुमने तो ये काम इस तरह से किया कि ऑफिस में सब लोग दांतो तले अंगुली दबा रहे थे।)

लोहे के चने चबाना :- संघर्ष करना (इस काम में इतना कुछ मिलता नहीं बस घर चलाने के लिए लोहे के चने चबा रहे है।)

अस्त हो जाना :- सब खत्म हो जाना (घर में मतभेद होने से सब अस्त हो जाता है।)

मंत्रमुग्ध करना :-  किसी चीज़ में खो जाना या किसी चीज़ से प्रभावित होना (तुम तो बड़ा आजकल पढ़ाई में मंत्रमुग्ध रहने लगे हो।

प्रश्न 4 – निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए:-

वारिस – ………..

जिगरी – ………………

कहर – ……………..

मुकाम – ………….

रूबरू – ………….

फ़र्क – …………

तालीम – …………….

गिरफ्तार – ……………..

उत्तर :- वारिस :- उत्तराधिकारी, युवराज

जिगरी :- गहरा, प्यारा

कहर :- आफत, संकट

मुकाम :- पड़ाव, मंजिल

रूबरू :- आमने-सामने , सम्मुख

फर्क :- अंतर, भेद

तालीम :- शिक्षा, सीख

गिरफ्तार :- कैद करना, बंदी बनाना

प्रश्न 5 – उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए:-

उदाहरण : गांधी जी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।

गांधी जी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।

1. महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।

2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।

3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।

4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।

5. गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।

उत्तर :-

1. महादेव भाई अपना परिचय पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में दिया करते थे।

2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ा करते थे।

3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।

4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।

5. गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।

कक्षा 9 हिंदी स्पर्श भाग-1 के सभी पाठ के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

एनसीईआरटी समाधान :- “स्पर्श भाग-1″

अध्यायविषय के नाम
1 (गद्य खंड)दुःख का अधिकार (यशपाल)
2एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा (बचेंद्री पाल)
3तुम कब जाओगे, अथिति (शरद जोश)
4वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन (धीरंजन मालवे)
5धर्म की आड़ (गणेशशंकर विद्यार्थी)
6शुक्रतारे के समान (स्वामी आनंद)
7 (काव्य खंड)रैदास
8रहीम
9आदमी नामा (नज़ीर अकबराबादी)
10एक फूल की चाह (सियारामशरण गुप्त)
11गीत-अगीत (रामधारी सिंह दिनकर)
12अग्नि पथ (हरिवंशराय बच्चन)
13नए इलाके में (अरुण कमल)

कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 6 शुक्रतारे के समान के लिए एनसीईआरटी समाधान प्राप्त करके आपको कैसा लगा?, हमें अपना बहुमूल्य कमेंट जरूर करें। कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 6 के प्रश्न उत्तर (Class 9 Hindi Sparsh Chapter 6 Question Answer) देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप हमारे पेज से कक्षा 9 के अन्य विषयों के एनसीईआरटी समाधान यहां से देख सकते हैं। साथ ही कक्षा 9 हिंदी विषय की एनसीईआरटी पुस्तक भी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा 9 हिंदी किताब क्षितिजकृतिकासंचयन के प्रश्न उत्तरयहां से देखें

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