एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 2 एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा

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Ncert Solutions for class 9 Hindi Sparsh chapter 2

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कक्षा : 9
विषय : हिंदी (स्पर्श भाग 1)
पाठ : 2 एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा

प्रश्न-अभ्यास

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

प्रश्न 1 – अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?

उत्तर :- उपनेता प्रेमचंद जी अग्रिम दल का नेतृत्व कर रहे थे।

प्रश्न 2 – लेखिका को सागरमाथा क्यों अच्छा लगा?

उत्तर :- लेखिका को सागरमाथा का नाम अच्छा लगा जो कि नेपालियों में प्रसिद्ध था।

प्रश्न 3 – लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?

उत्तर :- एवरेस्ट की तरफ़ गौर से देखते हुए लेखिका ने एक भारी बर्फ का बड़ा फूल (प्लूम) देखा, जो पर्वत शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था। उसे बताया गया कि यह दृश्य शिखर की ऊपरी सतह के आसपास 150 किलोमीटर अथवा इससे भी अधिक की गति से हवा चलने के कारण बनता है।

प्रश्न 4 – हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए?

उत्तर :- हिमस्खलन से दो लोगों की मृत्यु हुई और नौ घायल हुए।

प्रश्न 5 – मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?

उत्तर:- मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने स्पष्ट किया कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।

प्रश्न 6 – रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?

उत्तर :- जलवायु अनुकूल न होने के कारण रसोई सहायक की मृत्यु हुई।

प्रश्न 7 – कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया?

उत्तर :-  29 अप्रैल को 7900 मीटर पर कैंप-चार लगाया गया।

प्रश्न 8 – लेखिका ने तेनजिंग को अपना परिचय किस तरह दिया?

उत्तर :- उन्होंने अपना परिचय यह कहकर दिया कि मैं बिल्कुल ही नौसिखिया हूँ और एवरेस्ट पर मेरा पहला अभियान है।

प्रश्न 9 – लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?

उत्तर :- लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने बधाई देते हुए कहा, “मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा!” वे बोले कि देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में वापस जाओगी, जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा!

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:-

प्रश्न 1 – नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?

उत्तर :- नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका भौंचक्की होकर खड़ी रह गई और एवरेस्ट, ल्होत्से और नुत्से की ऊंचाइयों से घिरी बर्फीली टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।

प्रश्न 2 – डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं?

उत्तर :- डॉ. मीनू मेहता ने अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुलों का बनाना, लट्ठों और रस्सियों का उपयोग,  बर्फ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधना और हमारे अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों के बारे में हमें विस्तृत जानकारी दी।

प्रश्न 3 – तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में क्या कहा?

उत्तर :- तेनजिंग ने अपना हाथ लेखिका के कंधे पर रखकर तारीफ करते हुए कहा कि तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो, तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।

प्रश्न 4 – लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?

उत्तर :- लेखिका को की, जय और मीनू जो कि पीछे रह गए थे उन्हीं के साथ चढ़ाई करनी थी।

प्रश्न 5 – लोपसंगा ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया?

उत्तर :- लोपसांग अपनी स्विस छुरी की मदद से हमारे तंबू का रास्ता साफ़ करने में सफल हो गए थे और तुरंत ही अत्यंत तेज़ी से लेखिका को बचाने की कोशिश में लग गए।

प्रश्न 6 – साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरू की?

उत्तर :- जैसे ही लेखिका साउथ कोल कैंप पहुँची, उन्होंने अगले दिन की अपनी महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने खाना, कुकिंग गैस तथा कुछ ऑक्सीजन सिलिंडर इकट्ठे किए। जब दोपहर डेढ़ बजे बिस्सा आया, उसने लेखिका को चाय के लिए पानी गरम करते देखा।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए:-

प्रश्न 1 – उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?

उत्तर :- उपनेता प्रेमचंद ने हमारी पहली बड़ी बाधा खुभु हिमपात की स्थिति से हमें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उनके दल ने कैंप-एक (6000 मी.) जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ़ कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि पुल बनाकर, रस्सियाँ बाँधकर तथा झंडियों से रास्ता चिह्नित कर सभी बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया है। उन्होंने इस पर भी ध्यान दिलाया कि ग्लेशियर बर्फ की नदी है और बर्फ का गिरना अभी जारी है। हिमपात में अनियमित और अनिश्चित बदलाव के कारण अभी तक के किए गए सभी काम व्यर्थ हो सकते हैं और हमें रास्ता खोलने का काम दोबारा करना पड़ सकता है।

प्रश्न 2 – हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?

उत्तर :- हिमपात अपने आपमें एक तरह से बर्फ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना ही था। हमें बताया गया कि ग्लेशियर के बहने से अकसर बर्फ में हलचल हो जाती थी, जिससे बड़ी-बड़ी बर्फ़ की चट्टानें तत्काल गिर जाया करती थीं और अन्य कारणों से भी अचानक प्राय: खतरनाक स्थिति धारण कर लेती थीं। सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था।

प्रश्न 3 – लेखिका ने तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन किस तरह किया है?

उत्तर :- लेखिका ने बताया कि जब मैं गहरी नींद में सोई हुई थी तभी रात में 12.30 बजे के लगभग उसके सिर के पिछले हिस्से में किसी एक सख्त चीज़ के टकराने से उसकी नींद अचानक खुल गई और साथ ही एक जोरदार धमाका भी हुआ। तभी उसे महसूस हुआ कि एक ठंडी, बहुत भारी कोई चीज़ उसके शरीर पर से उसे कुचलती हुई चल रही है। उसे साँस लेने में भी कठिनाई हो रही थी। तभी उसे सब समझ आया कि यह एक लंबा बर्फ का पिंड था जो कि उनके  कैंप के ठीक ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर नीचे आ गिरा था।

प्रश्न 4 – लेखिका को देखकर ‘की’ हक्का-बक्का क्यों रह गया?

उत्तर :- वैसे तो ‘की’ और उसके एक दो दोस्त लेखिका से पीछे रह गए थे। लेकिन थोड़ी दूर चलने के बाद ‘की’ उससे मिल लेता है और वह लेखिका को देखकर हक्का-बक्का रह जाता है। वह कहता है कि तुमने इतनी बढ़ी जोखिम क्यों ली। लेखिका कहती है कि मैं भी औरों की तरह पर्वतारोही हूँ, इसलिए तो इस दल में आई हूँ। मैं शारीरिक रूप से ठीक हूँ तो मुझे अपने दल के सदस्यों की मदद क्यों नहीं करनी चाहिए।

प्रश्न 5 – एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए।

उत्तर :- उन्होंने सबसे पहला कैंप 6000 मीटर जो हिमपात के ठीक ऊपर रास्ता साफ करने के लिए बनाया गया। 29 अप्रैल को 7900 मीटर पर उन्होंने कैंप – चार लगाया। 1984 में बुद्ध पूर्णिमा के दिन ल्होत्से की बर्फीली सीधी ढलान पर रंगीन नाइलॉन तम्बू कैम्प – तीन बनाया गया। 16 मई को कैम्प-दो साउथ कोल पर बनाया गया। अंत में शिखर कैंप अथवा एक बेस कैंप जो कि शुरू में बनाया गया था कुल मिलाकर एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल छ: कैंप बनाए गए।

प्रश्न 6 – चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी?

उत्तर :- चढ़ाई के समय ऊपर हवा की गति बढ़ गई थी। उस ऊँचाई पर तेज़ हवा के झोंके भुरभुरे बर्फ़ के कणों को चारों तरफ़ उड़ा रहे थे, जिससे दृश्यता शून्य तक आ गई थी। एवरेस्ट शंकु की चोटी पर इतनी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति साथ-साथ खड़े हो सकें। चारों तरफ़ हज़ारों मीटर लंबी सीधी ढलान को देखते हुए हमारे सामने प्रश्न सुरक्षा का था। हमने पहले बर्फ के फावड़े से बर्फ़ की खुदाई कर अपने आपको सुरक्षित रूप से स्थिर किया। इसके बाद, मैं अपने घुटनों के बल बैठी, बर्फ पर अपने माथे को लगाकर मैंने ‘सागरमाथे’ के ताज का चुंबन लिया। बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ में दबा दिया।

प्रश्न 7 – सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है?

उत्तर :- सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना रखते हुए अपने दल के सदस्यों की मदद करने की सोची। उन्होंने अपने एक थरमस को जूस और दूसरे को चाय से भरकर नीचे ले जाने का निश्चय किया जो कि आसान नहीं था। इसके लिए उन्हें बर्फीली हवा में तम्बू के बाहर कदम रखना पड़ा था। उन्हें अपने दोस्तों की चिंता थी क्योंकि वे भारी बोझ लेकर बिना ऑक्सीजन के चल रहे थे।

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:-

प्रश्न 1 – एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।

उत्तर :- इससे तात्पर्य यह है कि हम एवरेस्ट पर चढ़ने जैसा इतना महान अभियान करने जा रहे हैं तो खतरे तो इसमें आते ही रहेंगे। हमें चोट लग सकती है। एक तो ऐसा समय भी संभव है कि हमारी स्वयं या हमारे दल के किसी सदस्य की मृत्यु भी होना सम्भव है। लेकिन हमें इससे डरना नहीं चाहिए। बल्कि हमें नम्रता अथवा सहज भाव से उसे भी अपना लेना चाहिए।

प्रश्न 2 – सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।

उत्तर :- इससे आशय यह है कि ग्लेशियर के बहने से अकसर बर्फ में हलचल हो जाती थी, जिससे बड़ी-बड़ी बर्फ़ की चट्टानें अचानक ही गिर जाया करती है। इनका सीधे दरार पड़ने के सोच से ही डर लगता हैं। इससे भी ज्यादा डरावनी बात तो वो हो जाती है जब पूरी यात्रा के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।

प्रश्न 3 – बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बरफ़ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता पिता का ध्यान आया।

उत्तर :- इससे तात्पर्य यह है कि एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने के बाद लेखिका अपने थैले से माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकालती है। दोनों को लाल कपड़े में लपेट लेती है। पूजा करती है और बर्फ में डेब देती है। उस समय लेखिका को बहुत ख़ुशी प्रतीत होती है कि वह अपने लक्ष्य को पा चुकी होती है और उसी समय उसे सबसे पहले अपने माता पिता की याद आती है।

भाषा अध्ययन:-

प्रश्न 1 – इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का संदर्भ देकर कीजिए-

निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा, जायजा लेना, नौसिखिया

उत्तर :- (क) निहारा है :- ध्यान से किसी चीज़ को देखना (लेखिका ने सर्वप्रथम एवरेस्ट को निहारा।)

(ख) धसकना :- दबना (खुंभु हिमपात पर जाने वाले अभियान दल के रास्ते बाई तरफ से पहाड़ी धसक गई।)

(ग) खिसकना :- चुपके से निकल जाना (ल्होत्से की ओर से एक बहुत बड़ी बर्फ की चट्टान नीचे खिसक कर आई थी।)

(ड़) सागरमाथा :- एवरेस्ट को दिया गया नाम (लेखिका को सागरमाथा नाम बहुत अच्छा लगा।)

(च) जायजा लेना :- अनुमान लेना (प्रेमचंद जी ने बताया कि उनके दल ने पुल बनाकर, रस्सियां बांधकर तथा झंडियों से रास्ता चिह्नित कर सभी बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया है।)

(छ) नौसिखिया :- नई चीजों को सीखने वाला (लेखिका ने अपना परिचय नौसिखिया कहकर दिया।)

प्रश्न 2 – निम्नलिखित पंक्तियों में उचित विराम-चिह्नों का प्रयोग कीजिए-

(क) उन्होंने कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए

(ख) क्या तुम भयभीत थीं

(ग) तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री

उत्तर :- (क)  उन्होंने कहा, “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।’’

(ख) “क्या तुम भयभीत थीं?”

(ग) “तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री?”

प्रश्न 3 – नीचे दिए उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्य में प्रयोग कीजिए:-

उदाहरण- हमारे पास एक वॉकी-टॉकी थी।

टेढ़ी-मेढ़ी हक्का-बक्का

गहरे-चौड़े इधर-उधर

आस-पास लंबे-चौड़े

उत्तर :- (क) टेढ़ी-मेढ़ी :-  उसके गांव की गलियां टेढ़ी-मेढी थी।

(ख) हक्का-बक्का :-  रीया की चित्रकारिता देखकर हम सभी हक्का-बक्का रह गए।

(ग) गहरे-चौड़े :- उन गहरे-चौड़े सुनसान घरों में तुम्हारा क्या काम।

(घ) इधर-उधर :- तुम इधर-उधर थोड़े कम घूमा करो।

(ड़) आस-पास :- तुम्हारे कॉलोनी का आस-पास कितने घर है।

(च) लंबे-चौड़े :- तुमने इतने लंबे-चौड़े व्यक्ति को मार कैसे दिया।

प्रश्न 4 – उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द बनाइए:-

उदाहरण- अनुकूल-प्रतिकूल

नियमित –

विख्यात –

आरोही –

निश्चित –

सुंदर –

उत्तर :- (क) नियमित – अनियमित

(ख) विख्यात – कुविख्यात

(ग) आरोही – अवरोही

(घ) निश्चित – अनिश्चित

(ड़) सुंदर – असुंदर

प्रश्न 5 – निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त उपसर्ग लगाइए:-

जैसे- पुत्र – सुपुत्र

वास, व्यवस्थित, कूल, गति, रोहण, रक्षित

उत्तर :- (क) नि + वास = निवास

(ख) सु + व्यवस्थित = सुव्यवस्थित

(ग) अनु + कूल = अनुकूल

(घ) प्र + गति = प्रगति

(ड़) अव + रोहण = अवरोहण

(च) सु + रक्षित = सुरक्षित

प्रश्न 6 – निम्नलिखित क्रिया विशेषणों का उचित प्रयोग करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:-

अगले दिन, कम समय में, कुछ देर बाद, सुबह तक

(क) मैं ……………….. यह कार्य कर लूंगा।

(ख) ……………. घिरने के …………… ही वर्षा हो गई।

(ग) ……………….. बहुत …………………. इतनी तरक्की कर ली।

(घ) नाडकसा को ………………….. गाँव जाना था।

उत्तर :- (क) मैं अगले दिन यह कार्य कर लूंगा।

(ख) बादल घिरने के कुछ देर बाद ही वर्षा हो गई।

(ग) उसने बहुत कम समय में इतनी तरक्की कर ली।

(घ) नाडकसा को सुबह तक गाँव जाना था।

योग्यता विस्तार:-

प्रश्न 1 – इस पाठ में आए दस अंग्रेजी शब्दों का चयन कर उनके अर्थ लिखिए:-

उत्तर:- पाठ में दस अंग्रेजी शब्द इस प्रकार है:-

बेस :- आधार

कुलियों :- सामान अर्थात् बोझा धोनी वाले

वॉकी-टॉकी :- बात करने में सहायक यंत्र

ग्लेसियर :- हिमानी

स्ट्रेचर :- मरीजों के इधर-उधर ले जाने में सहायक

साउथ :- दक्षिण

कुकिंग गैस :- खाना बनाने में प्रयोग

ऑक्सीजन :- गैस

सिलिंडर :- बेलनाकार लम्बी टंकी

रेगुलेटर :- विद्युतीय यंत्र

प्रश्न 2 – पर्वतारोहण से संबंधित दस चीजों के नाम लिखिए।

उत्तर :- पर्वतारोहण से संबंधित दस चीज़े :- रस्सियां, झण्डियां, वॉकी-टॉकी, कुकिंग गैस, ऑक्सीजन सिलिंडर, खाने – पीने का सामान, फावड़ा, बिस्तर, कैम्प लगाने से जुड़ा जरुरी सामान।

प्रश्न 3 – तेनजिंग शेरपा की पहली चढ़ाई के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।

उत्तर :- तेनजिंग शेरपा ने अपनी पहली चढाई 29 मई 1953 को पूरी की थी। वे नेपाली थे यह हमें उनके नाम से ही पता चलता है। उन्होंने एडमंड हिलेरी के साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की उपलब्धि प्राप्त की थी। हालांकि इतनी ऊंचाई पर चढना कोई आसान बात नहीं होती। उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया। हर जगह फूंक-फूंक कर कदम रखना, बर्फीली हवाओं का सामना करना उनके लिए बहुत ही असहायजनक हो जाता है। दोनों ने यह कार्य साथ में सम्पन्न किया था।

प्रश्न 4 – इस पर्वत का नाम ‘एवरेस्ट’ क्यों पड़ा? जानकारी प्राप्त कीजिए।

उत्तर :- इस पर्वत का नाम ‘एवरेस्ट’ इसलिए पड़ा क्योंकि वेल्स के जॉर्ज एवरेस्ट ने इसके बारे में सही ऊंचाई और जगह बताई थी।

परियोजना कार्य :-

प्रश्न 1 – आगे बढ़ती भारतीय महिलाओं की पुस्तक पढ़कर उनसे संबंधित चित्रों का संग्रह कीजिए एवं संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करके लिखिए:-

(क) पी. टी. उषा

(ख) आरती साहा

(ग) किरण बेदी

उत्तर :- (क) पी. टी. उषा :-  पी.टी. उषा का जन्म 27 जून 1964 में केरल में हुआ था। वह एक एथलीट है। उनका पूरा नाम पिलाउल्लाकांडी थेक्केपरांबिल उषा है। उन्हें क्वीन ऑफ ट्रैक एंड फील्ड के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने एथलीट्स में एक अच्छा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने दौड़ने में अच्छी महारत हासिल की है। यह उन्होंने तब ही साबित कर दिया था जब स्कूल में खुद से सीनियर को उन्होनें दौड़ने में हराया था। उन्हें कई रत्नों से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कई गोल्ड मैडल जीते। वैसे तो शादी के बाद वे स्पोर्ट्स की दुनिया से अलग हो गई थी, लेकिन पति के सहयोग से उन्होंने वापसी की। वे राजसभा के लिए भी मनोनित की गई है। वे हर लड़की के लिए एक प्रेरणा स्वरूप है।

(ख) आरती साहा :- आरती साहा ने 24 सितंबर को पश्चिमी बंगाल में जन्म लिया था। उनकी माँ का निधन होने के बाद उनकी दादी ने उनका पालन पोषण किया। वे एक तैराक थी। 1946 में तैराकी में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। वे इंग्लिश चैनल पार करने वाली पहली महिला थी। पीलिया से पीड़ित होने के कारण 23 अगस्त को उनकी मृत्यु हो गई थी।

(ग) किरण बेदी :- किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 को हुआ था। वह अमृतसर की रहने वाली है। वह आइपीएस अधिकारी का पद हासिल करने वाली भारत की पहली महिला बनी जो पहले टेनिस की भी खिलाडी रह चुकी है। उन्होंने सामाजिक कार्यों में भी ख्याति प्राप्त की है। उनके ऊपर एक फिल्म भी बन चुकी है। उन्होंने स्वयं ही पुलिस की सेवा से सेवानिवृत्ति ले ली थी। उन्होंने कई पुरस्कार भी हासिल प्राप्त किए। उन्होंने कई प्रमुख पद प्राप्त किए जैसे:- दिल्ली यातायात पुलिस प्रमुख, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्युरो,  डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलीस।

प्रश्न 2 – रामधारी सिंह दिनकर का लेख-‘हिम्मत और जिंदगी’ पुस्तकालय से लेकर पढ़िए।

उत्तर :- रामधारी सिंह दिनकर जी ने हिम्मत और ज़िंदगी से जुड़ा एक लेख लिखा था जिसमें उन्होंने जिंदगी से जुड़े असली मज़े और हार न मानते हुए हिम्मत से सभी काम करने के बारे में बताया है। उन्होंने बताया है कैसे हमें पग-पग पर निर्भय होकर आगे बढ़ना चाहिए। हमें इस लेख से जुड़ी पुस्तक पुस्तकालय से लेकर पढ़नी है और जानकारी लेनी है।

प्रश्न 3 – मन के हारे हार है, मन के जीते जीत’-इस विषय पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।

उत्तर :- इस वाक्य से तात्पर्य यह है कि अगर हम किसी काम को करने वाले है और उसके प्रति मन में ही हार मान लेते हैं तो वह काम हार में ही तब्दील हो जाता है और जीत का जीत में। हार जीत जीवन की एक रीत की तरह चलती रहती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं की हम उस काम को करने की कोशिश ही न करें और पहले ही हार मान कर बैठ जाए। हम पहले ही काम को असफल मान कर बैठ जाएंगे तो हम जीवन में कुछ नहीं कर पाएंगे। सब के लिए यहाँ तक कि स्वयं के लिए भी मजाक बनकर रह जाएंगे। हमें दुनिया को सिर्फ जीतकर दिखाना है इसलिए हम काम करेंगे हार गए तो सब हसेंगे यह नहीं सोचना चाहिए।

कक्षा 9 हिंदी स्पर्श भाग-1 के सभी पाठ के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

एनसीईआरटी समाधान :- “स्पर्श भाग-1″

अध्यायविषय के नाम
1 (गद्य खंड)दुःख का अधिकार (यशपाल)
2एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा (बचेंद्री पाल)
3तुम कब जाओगे, अथिति (शरद जोश)
4वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन (धीरंजन मालवे)
5धर्म की आड़ (गणेशशंकर विद्यार्थी)
6शुक्रतारे के समान (स्वामी आनंद)
7 (काव्य खंड)रैदास
8रहीम
9आदमी नामा (नज़ीर अकबराबादी)
10एक फूल की चाह (सियारामशरण गुप्त)
11गीत-अगीत (रामधारी सिंह दिनकर)
12अग्नि पथ (हरिवंशराय बच्चन)
13नए इलाके में (अरुण कमल)

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कक्षा 9 हिंदी किताब क्षितिजकृतिकासंचयन के प्रश्न उत्तरयहां से देखें

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