एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 संस्कृत पाठ 10 विश्वबन्धुत्वम्

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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 संस्कृत पाठ 10 विश्वबन्धुत्वम्

छात्रों के लिए एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 संस्कृत पाठ 10 विश्वबन्धुत्वम् राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के सहायता से बनाये गए है। कक्षा 7 संस्कृत रुचिरा भाग 2 के प्रश्न उत्तर ऑनलाइन माध्यम से दिए जायेंगे। Class 7 sanskrit ruchira bhag 2 के प्रश्न उत्तर लिए कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 7 संस्कृत के प्रश्न उत्तर नीचे देखें।

कक्षा : 7
विषय : संस्कृत (रुचिरा भाग 2)
पाठ : 10 विश्वबन्धुत्वम्

अभ्यास:-

1 . उच्चारणं कुरुत-

दुर्भिक्षे       राष्ट्रविप्लवे      विश्वबन्धुत्वम्

विश्वसन्ति     उपेक्षाभावाम्    विद्वेषस्य

ध्यातव्यम्     दुःखभाक्      प्रदर्शयन्ति

उत्तराणि :- छात्र इनका उच्चारण करें।

2. मञ्जूषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत-

परस्य    दुःखम्      आत्मानम्      बाधितः परिवारः      सम्पन्नम्       त्यक्त्वा       सम्पूर्णे

स्वकीयम्    ………………………

अवरुद्धः    ………………………

कुटुम्बकम्   ………………………

अन्यस्य       ………………………

अपहाय       ………………………

समृद्धम्      ………………………

कष्टम्         ………………………

निखिले       ………………………

उत्तराणि:-

स्वकीयम्      आत्मानम्

अवरुद्धः      बाधितः

कुटुम्बकम्     परिवारः

अन्यस्य        परस्य

अपहाय       त्यक्त्वा

समृद्धम्      सम्पन्नम्

कष्टम्         दुःखम्

निखिले        सम्पूर्णे

3. रेखाङ्कितानि पदानि संशोध्य लिखत–

(क) छात्राः क्रीडाक्षेत्रे कन्दुकात् क्रीडन्ति।

(ख) ते बालिकाः मधुरं गायन्ति।

(ग) अहं पुस्तकालयेन पुस्तकानि आनयामि।

(घ) त्वं किं नाम ?

(ङ) गुरुं नमः।

उत्तराणि:-

(क) छात्रा: क्रीडाक्षेत्रे कन्दुकेन् क्रीडन्ति।

(ख) ता: बालिका: मधुरं गायन्ति।

(ग) अहं पुस्तकालयात् पुस्तकानि आनयामि।

(घ) त्वाम् किं नाम ?

(ङ) गुरवे नम:।

4. मञ्जूषातः विलोमपदानि चित्वा लिखत–

अधुना     मित्रतायाः   लघुचेतसाम्    गृहीत्वा दुःखिनः      दानवाः

शत्रुतायाः   ………………………

पुरा    ………………………

मानवाः ………………………

उदारचरितानाम् ………………………

सुखिनः ………………………

अपहाय ………………………

उत्तराणि:-

शत्रुतायाः      मित्रतायाः

पुरा           अधुना

मानवाः        दानवाः

उदारचरितानाम् लघुचेतसाम्

सुखिनः         दुःखिनः

अपहाय        गृहीत्वा

5. अधोलिखितपदानां लिङ्गं, विभक्तिं वचनञ्च लिखत-

पदानि    लिङ्गम्     विभक्तिः      वचनम्

बन्धुः     ………………   ………………      ………………

देशान्    ………    ………………      ………………

घृणायाः  ………………     ……………..      ……………

कुटुम्बकम् …………   ………………      ………………

रक्षायाम्  …………    ………………      ………………

ज्ञानविज्ञानयोः ………… ………………     ……………

उत्तराणि:-

पदानि          लिङ्गम्      विभक्ति    वचनम्‌

बन्धु:          पुँल्लिङ्गम्       प्रथमा     एकवचनम्

देशान्‌        पुँल्लिङ्गम्      द्वितीया    बहुवचनम्

घृणाया         स्त्रीलिङ्गम्    पञ्चमी      एकवचनम्

कुटुम्बकम्‌    स्त्रीलिङ्गम्   द्वितीया     एकवचनम्

रक्षायाम्‌      स्त्रीलिङ्गम्।    सप्तमी‌    एकवचनम्

ज्ञानविज्ञानयो:   पुँल्लिङ्गम्  सप्तमी     द्विवचनम्

6. कोष्ठकेषु दत्तेषु शब्देषु समुचितां विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-

(क) विद्यालयम् उभयतः वृक्षाः सन्ति। (विद्यालय)

 ……………….. उभयतः गोपालिकाः। (कृष्ण)

(ख) ग्रामं परितः गोचारणभूमिः। (ग्राम)

……………….. परितः भक्ताः। (मन्दिर)

(ग) सूर्याय नमः। (सूर्य)

……………. नमः। (गुरु)

(घ) वृक्षस्य उपरि खगाः। (वृक्ष)

……………. उपरि सैनिकः। (अश्व)

उत्तराणि:-

(क) विद्यालयम्‌ उभयत: वृक्षा: सन्ति। (विद्यालय)

कृष्णम् उभयत: गोपालिका:। (कृष्ण)

(ख) ग्रामं परित: गोचारणभूमि:। (ग्राम)

मन्दिरं परित: भक्ता:। (मन्दिर)

(ग) सूर्याय नम:। (सूर्य)

गुरवे नम:। (गुरु)

(घ) वृक्षस्य उपरि खगा:। (वृक्ष)

अश्वस्य उपरि सैनिक:। (अश्व)

7. कोष्ठकात् समुचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-

(क) ……………….. नमः। (हरिं/हरये)

(ख) ……………….. पारितः कृषिक्षेत्राणि सन्ति। (ग्रामस्य/ग्रामम्)

(ग) ……………….. नमः। (अम्बायाः/अम्बायै)

(घ) ……………….. उपरि अभिनेता अभिनयं करोति। (मञ्चस्य/मञ्चम्)

(ङ) ……………. उभयतः पत्रौ स्तः। (पितरम्/पितुः)

उत्तराणि:-

(क) हरये नम:। (हरिं/हरये)

(ख) ग्रामम्‌ परित: कृषिक्षेत्राणि सन्ति। (ग्रामस्य/ग्रामम्‌)

(ग) अम्बायै नम:। (अम्बाया:/अम्बायै)

(घ) मञ्चस्य उपरि अभिनेता अभिनयं करोति। (मञ्चस्य/मञ्चम्‌)

(ङ) पितरम्‌ उभयत: पुत्रौ स्त:। (पितरम्‌/पितु:)

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 संस्कृत रुचिरा भाग 2 के सभी पाठ नीचे देखें

पाठ की संख्यापाठ के नाम
पाठ 1सुभाषितानी
पाठ 2दुर्बुद्धि विनश्यति
पाठ 3स्वावलम्बनम्
पाठ 4हास्यबालकविसम्मेलनम्
पाठ 5पण्डिता रमाबाई
पाठ 6सदाचार:
पाठ 7संकल्प: सिद्धिदायक:
पाठ 8त्रिवर्ण ध्वज
पाठ 9अहमपि विद्यालयं गमिष्यामि
पाठ 10विश्वबन्धुत्वम्
पाठ 11समवायो हि दुर्जय:
पाठ 12विद्याधनम्
पाठ 13अमृतं संस्कृतम् (इकारांत स्त्रीलिंग)
पाठ 14अनारिकाया: जिज्ञासा
पाठ 15लालनगीतम्

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