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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 संस्कृत पाठ 15 प्रहेलिकाः

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PP Team
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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 संस्कृत पाठ 15 प्रहेलिकाः प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए इस आर्टिकल पर कक्षा 8 संस्कृत पाठ 15 प्रहेलिकाः के प्रश्न उत्तर दिए हुए है। ncert solutions class 8 sanskrit chapter 15 प्रहेलिकाः के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली 8 वीं कक्षा संस्कृत गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से छात्र संस्कृत कक्षा 8 पाठ 15 प्रहेलिकाः के प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। रुचिरा भाग 3 class 8 के प्रश्न उत्तर साधारण भाषा में बनाए गए है। ताकि छात्र kaksha 8 sanskrit की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सके।

Ncert Solutions For Class 8 Sanskrit Chapter 15

कक्षा 8 संस्कृत पाठ 15 के लिए एनसीईआरटी समाधान राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की सहायता से बनाए गए है। संस्कृत भाषा की जितनी बात करें उतना ही कम होगा। संस्कृत साहित्य का इतिहास बहुत बड़ा है। संस्कृत भाषा आज भी भारत की राजभाषा है। छात्र ncert solutions for class 8 sanskrit chapter 15 प्रहेलिकाः के माध्यम से परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं। कक्षा आठवीं संस्कृत पाठ 15 के प्रश्न उत्तर नीचे देखें।

अभ्यास:

1. श्लोकांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत–

(क) सीमन्तिनीषु का ………….. राजा ………..गुणोत्तमः।

(ख) कं सञ्जघान ………… का …………………….. गङ्गा?

(ग) के ………………. कं ……………… न बाधते शीतम्।।

(घ) वृक्षाग्रवासी न च ……….. ………. न च शूल पाणिः।

उत्तराणि:-

(क) सीमन्तिषु का शान्ता राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः

(ख) कं सञ्जघान क्रुष्णः का शीतलवाहिनी गङ्गा?

(ग) के दारपोषणरताः कं बलवन्तं न बाधते शीतम्।

(घ) वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।

2. श्लोकांशान् योजयत–

        क                  ख

किं कुर्यात् कातरो युद्धे  अत्रैवोक्तं न बुध्यते।

विद्वद्भि: का सदा वन्घा तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।

कं सञ्जघान कृष्णः     मृगात् सिंहः पलायते

कथं विष्णुपदं प्रोक्तं     काशीतलवाहिनी गङ्गा।

उत्तराणि:-

किं कुर्यात् कातरो युद्धे        मृगात् सिंहः पलायते।

विद्वद्भिः का सदा वन्धा       अत्रैवोक्तं न बुध्यते।

कं सञ्जानः कृष्णः            काशीतलवाहिनी गङ्गा।

कथं विष्णुपदं प्रोक्तं           तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।

3. उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुपयुक्तकथनानां समक्षं न इति लिखत–

यथा – सिंहः करिणां कुलं हन्ति।     आम्

(क) कातरो युद्धे युद्ध्यते।         _________ 

(ख) कस्तूरी मृगात् जायते।      _________

(ग) मृगात् सिंहः पलायते।        _________

(घ) कंस: जघान कृष्णम्।        _________

(ङ) तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।      _________

(च) जयन्तः कृष्णस्य पुत्र:।      _________

उत्तराणि:-

(क) न

(ख) आम्

(ग) न

(घ) न

(ङ) न

(च) आम्

4. सन्धिविच्छेदं पूरयत–

(क) करिणां कुलम्   – ……..   +  ……………..

(ख) कोऽभूत्     –   ……………..  + ……………..

(ग) अत्रैवोक्तम्     –   ……………..  + ……………..

(घ)  वृक्षाग्रवासी   –  ……………..  +……………..

(ङ) त्वग्वस्त्रधारी  –  …………….. + ……………..

(च) बिभ्रन्न    –  …………….. + ……………..

उत्तराणि:-

(क) करिणां कुलम्   = करिणाम् + कुलम्

(ख) कोऽभूत्   = कः + अभूत्

(ग) अत्रैवोक्तम्  = अत्र + एव + उक्तम्

(घ) वृक्षाग्रवासी  = वृक्ष + अग्रवासी

(ङ) त्वग्वस्त्रधारी  = त्वक् + वस्त्रधारी

(च) बिभ्रन्न  = बिभ्रत् + न

5. अधोलिखितानां पदानां लिङ्गं विभक्तिं वचनञ्च लिखत–

          पदानि     लिङ्गम्     विभक्तिः   वचनम्

यथा–   करिणाम्   पुँल्लिङ्गम्    षष्ठी     बहुवचनम्                                   

कस्तूरी  ……….         ……….       …………….

युद्धे   …….          ……….       …………….

सीमन्तिनीषु …….        …….       …………….

बलवन्तम्    ……….      ……….         …………….

शूलपाणिः  ……….          …………….        …………

शक्रस्य      ………….       ……….       …………….

उत्तराणि:-   

पदानि    लिङ्गम    विभक्तिः  वचनम्

कस्तूरी    स्त्रीलिङ्गम्    प्रथमा    एकवचनम्

युद्धे       पुंलिङ्गम्     सप्तमी   एकवचनम्

सीमन्तिनीषु  स्त्रीलिङ्गम्   सप्तमी बहुवचनम्

बलवन्तम्   पुंलिङ्गम्     द्वितीया एकवचनम्

शूलपाणिः    पुंलिङ्गम्    प्रथमा   एकवचनम्

शक्रस्य     पुंलिङ्गम्     षष्ठी    एकवचनम्

6. (अ) विलोमपदानि योजयत–

जायते  शान्ता

वीरः    पलायते

अशान्ता म्रियते

मूर्खेः   कातरः

अत्रैव   विद्वद्भि

आगच्छति      तत्रैव

उत्तराणि:-    

जायते    म्रियते

वीरः     कातरः

अशान्ता   शान्ता

मूर्खैः   विद्वद्भिः

अत्रैव     तत्रैव

आगच्छति पलायते

(आ) समानार्थकापदं चित्वा लिखत–

(क) करिणाम् ………………………..। (अश्वानाम्/गजानाम्/गर्दभानाम्)

(ख) अभूत् ………………..। (अचलत्/अहसत्/अभवत्)

(ग) वन्द्या ……………। (वन्दनीया/स्मरणीया/कर्तनीया)

(घ) बुध्यते ………………। (लिख्यते/अवगम्यते/पठ्यते)

(ङ) घटः ………………………..। (तडागः/नलः/कुम्भः)

(च) सञ्जधान ………………………..। (अमारयत्/अखादत्/अपिबत्)

उत्तराणि:-  (क) गजानाम्

(ख) अभवत्

(ग) वन्दनीया

(घ) अवगम्यते

(ङ) कुम्भः

(च) अमारयत्

7. कोष्ठकान्तर्गतानां पदानामुपयुक्तविभक्तिप्रयोगेन अनुच्छेदं पूरयत–

एकः काकः ……………. (आकाश) डयमानः आसीत्। तृषार्तः सः ……………. (जल) अन्वेषणं करोति। तदा सः ……………. (घट) अल्पं ……………. (जल) पश्यति। सः ……………. (उपल) आनीय ……………. (घट) पातयति। जलं ……………. (घट) उपरि आगच्छति। ……………. (काक) सानन्दं जलं पीत्वा तृप्यति।

उत्तराणि:-

एकः काकः आकाशे डयमानः आसीत्। तृषार्तः सः जलस्य आन्वेषणं करोति। तदा सः घटे अल्पं जलं पश्यति। सः उपलम् आनीय घटस्य पातयति। जलं घटे उपरि आगच्छति। काकः सानन्दं जलं पीत्वा तृप्यति।

कक्षा 8 संस्कृत के सभी अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे टेबल से देखें
पाठ की संख्यापाठ के नाम
पाठ 1सुभाषितानि
पाठ 2बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता
पाठ 3डिजीभारतम्
पाठ 4सदैव पुरतो निधेहि चरणम्
पाठ 5कण्टकेनैव कण्टकम्
पाठ 6गृहं शून्यं सुतां विना
पाठ 7भारतजनताऽहम्
पाठ 8संसारसागरस्य नायकाः
पाठ 9सप्तभगिन्यः
पाठ 10नीतिनवनीतम्
पाठ 11सावित्री बाई फुले
पाठ 12कः रक्षति कः रक्षितः
पाठ 13क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः
पाठ 14आर्यभटः
पाठ 15प्रहेलिकाः

छात्रों को संस्कृत कक्षा 8 के लिए एनसीईआरटी समाधान प्राप्त करके काफी खुशी हुई होगी। कक्षा 8 संस्कृत किताब पाठ 15 प्रहेलिकाः के प्रश्न उत्तर देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप परीक्षा पॉइंट के एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं। 

कक्षा 8 के सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधानयहां से देखें

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