एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 संस्कृत पाठ 6 गृहं शून्यं सुतां विना

छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 संस्कृत पाठ 6 गृहं शून्यं सुतां विना प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए इस आर्टिकल पर कक्षा 8 संस्कृत पाठ 6 गृहं शून्यं सुतां विना के प्रश्न उत्तर दिए हुए है। ncert solutions class 8 sanskrit chapter 6 गृहं शून्यं सुतां विना के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली 8 वीं कक्षा संस्कृत गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से छात्र संस्कृत कक्षा 8 पाठ 6 गृहं शून्यं सुतां विना के प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। रुचिरा भाग 3 class 8 के प्रश्न उत्तर साधारण भाषा में बनाए गए है। ताकि छात्र kaksha 8 sanskrit की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सके।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 संस्कृत पाठ 6 गृहं शून्यं सुतां विना

कक्षा 8 संस्कृत पाठ 6 के लिए एनसीईआरटी समाधान राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की सहायता से बनाए गए है। संस्कृत भाषा की जितनी बात करें उतना ही कम होगा। संस्कृत साहित्य का इतिहास बहुत बड़ा है। संस्कृत भाषा आज भी भारत की राजभाषा है। छात्र ncert solutions for class 8 sanskrit chapter 6 गृहं शून्यं सुतां विना के माध्यम से परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं। कक्षा आठवीं संस्कृत पाठ 6 के प्रश्न उत्तर नीचे देखें।

कक्षा : 8
विषय : संस्कृत (रुचिरा भाग 3)

षष्ठ: – पाठ (गृहं शून्यं सुतां विना)

अभ्यास:

1 . अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत:-

(क) दिष्ट्या का समागता ?

(ख) राकेशस्य कार्यालये का निश्चिता ?

(ग) राकेशः शालिनीं कुत्र गन्तुं कथयति ?

(घ) सायंकाले भ्राता कार्यालयात् आगत्य किम् करोति ?

(ङ) राकेशः कस्याः तिरस्कारं करोति ?

(च) शालिनी भ्रातरम् कां प्रतिज्ञां कर्तुं कथयति ?

(छ) यत्र नार्यः न पूज्यन्ते तत्र किम् भवति ?

उत्तराणि:-

(क) दिष्ट्या शालिनी समागता।

(ख) राकेशस्य कार्यालये‌ एका महत्वपूर्णा गोष्ठी निश्चिता।

(ग) राकेशः शालिनीं मालया सह चिकित्सिकया प्रति गन्तुं कथयति।

(घ) सायंकाले भ्राता कार्यालयात् आगत्य हस्तपादादिकं प्रक्षाल्य वस्त्राणि च  परिवर्त्य पूजागृहं  गत्वा दीपं प्रज्वाल्य भवानीस्तुतिं करोति।

(ङ) राकेशः सृष्टेः उत्पादिन्याः शक्त्याः तिरस्कारं करोति।

(च) शालिनी भ्रातरम् कन्याया: रक्षणे , तस्या: पाठने प्रयासरत भवितुं कथयति।

(छ) यत्र नार्यः न पूज्यन्ते तत्र सर्वाः क्रियाः अफला भवन्ति।

2. अधोलिखितपदानां संस्कृतरूपं (तत्सम रूपं) लिखत–

(क) कोख

(ख) साथ

(ग) गोद

(घ) भाई

(ङ) कुआँ

(च) दूध

उत्तराणि:-

(क) कुक्षम्

(ख) सार्धम्

(ग) क्रोडम्

(घ) भ्राता

(ङ) कूप:

(च) दुग्धम्

3. उदाहरणमनुसृत्य कोष्ठकप्रदत्तेषु पदेषु तृतीयाविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत–

(क) मात्रा सह पुत्री गच्छति (मातृ)

(ख) ……………. विना विद्या न लभ्यते (परिश्रम)

(ग) छात्र: ……………. लिखति (लेखनी)

(घ) सूरदासः ……………. अन्ध: आसीत् (नेत्र)

(ङ) सः ……………. साकम् समयं यापयति। (मित्र)

उत्तराणि:- (ख)  परिश्रमेण विना विद्या न लभ्यते।

(ग) छात्रः लेखन्या लिखति।

(घ) सूरदासः नेत्रेण अन्धः आसीत्।

(ङ) सः मित्रेण साकम् समयं यापयति।

4. ‘क’ स्तम्भे विशेषणपदं दत्तम् ‘ख’ स्तम्भे च विशेष्यपदम्। तयोर्मेलनम् कुरुत-

‘क’ स्तम्भः               ‘ख’ स्तम्भः

(1) स्वस्था               (क) कृत्यम्

(2) महत्वपूर्णा            (ख) पुत्री

(3) जघन्यम्               (ग) वृत्तिः

(4) क्रीडन्ती               (घ) मनोदशा

(5) कुत्सिता               (ङ) गोष्ठी

उत्तराणि:- (1) स्वस्था       (क) मनोदशा

(2) महत्वपूर्णा         (ख) गोष्ठी

(3) जघन्यं           (ग) कृत्यम्

(4) क्रीडन्ती           (घ) पुत्री

(5) कुत्सिता           (ड़) वृत्तिः

5. अधोलिखितानां पदानां विलोमपदं पाठात् चित्वा लिखत-

(क) श्वः

(ख) प्रसन्ना

(ग) वरिष्ठा

(घ) प्रशंसितम्

(ङ) प्रकाशः

(च) सफलाः

(छ) निरर्थकः

उत्तराणि:-

(क) ह्यः

(ख) उदासीना

(ग) कनिष्ठा

(घ) तिरस्कृतम्

(ङ) अन्धकारः

(च) विफलाः

(छ) सार्थकः

6. रेखांकितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-

(क) प्रसन्नतायाः विषयोऽयम्।

(ख) सर्वकारस्य घोषणा अस्ति।

(ग) अहम् स्वापराध्ं स्वीकरोमि।

(घ) समयात् पूर्वम् आयासं करोषि।

(ङ) अम्बिका क्रोडे उपविशति।

उत्तराणि:-

(क) कस्याः विषयोऽयम्?

(ख) कस्य घोषणा अस्ति?

(ग) अहम् किं स्वीकरोमि?

(घ) कस्मात् पूर्वम् आयासं करोषि?

(ङ) अम्बिका कुत्र उपविशति?

7. अधोलिखिते सन्धिविच्छेदे रिक्त स्थानानि पूरयत-

यथा – नोक्तवती         न       उक्तवती

         सहसैव      =  सहसा +  ………..

 परामर्शानुसारम्  = ……….. + अनुसारम्

           वधार्हा    =  ……….. +   अर्हा

          अधुनैव    =  अधुना  +  ………..

      प्रवृत्तोऽपि    =  प्रवृत्त:   +  ………..

उत्तराणि:-

सहसैव = सहसा + एव

परामर्शानुसारम् = परामर्श + अनुसारम्

वधार्हा = वध + अर्हा

अधुनैव = अधुना + एव

प्रवृत्तोऽपि = प्रवृत्तः + अपि

कक्षा 8 संस्कृत के सभी अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे टेबल से देखें
पाठ की संख्यापाठ के नाम
पाठ 1सुभाषितानि
पाठ 2बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता
पाठ 3डिजीभारतम्
पाठ 4सदैव पुरतो निधेहि चरणम्
पाठ 5कण्टकेनैव कण्टकम्
पाठ 6गृहं शून्यं सुतां विना
पाठ 7भारतजनताऽहम्
पाठ 8संसारसागरस्य नायकाः
पाठ 9सप्तभगिन्यः
पाठ 10नीतिनवनीतम्
पाठ 11सावित्री बाई फुले
पाठ 12कः रक्षति कः रक्षितः
पाठ 13क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः
पाठ 14आर्यभटः
पाठ 15प्रहेलिकाः

छात्रों को संस्कृत कक्षा 8 के लिए एनसीईआरटी समाधान प्राप्त करके काफी खुशी हुई होगी। कक्षा 8 संस्कृत किताब पाठ 6 गृहं शून्यं सुतां विना के प्रश्न उत्तर देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप परीक्षा पॉइंट के एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं। 

कक्षा 8 के सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधानयहां से देखें

Leave a Reply