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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 8 रहीम

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PP Team
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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 8 रहीम के एनसीईआरटी समाधान प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए इस आर्टिकल पर सरल भाषा में एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 8 रहीम बनाये गए हैं। आपको हमारी वेबसाइट parikshapoint.com पर कक्षा 9 हिंदी के सभी पुस्तकों के एनसीईआरटी समाधान भी मिल जायेंगे। छात्र कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 8 रहीम के प्रश्न उत्तर (hindi sparsh class 9 chapter 8 question answers) नीचे से प्राप्त कर सकते हैं। स्पर्श भाग 1 कक्षा 9 के प्रश्न उत्तर प्राप्त करने के लिए आपको किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Sparsh chapter 8

कक्षा 9 हिंदी स्पर्श के प्रश्न उत्तर (hindi sparsh class 9 chapter 8 question answers) को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। ताकि छात्र परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सके। देखा गया है कि छात्र ncert solutions class 9 hindi sparsh chapter 8 के लिए बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। फिर उन गाइड को संभाल कर रखने में भी दिक्कत होती हैं। लेकिन आप हमारे इस पेज से class 9 hindi chapter 8 question answer sparsh पूरी तरह से ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। हमने एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 8 रहीम (ncert solutions for class 9 hindi sparsh) को राष्ट्रीय शैशिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की सहायता से बनाया है।

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1 – निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-

(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?

उत्तर :- कवि ने प्रेम की तुलना धागे से की है। कवि कहते हैं कि प्रेम विश्वास पर टीका हुआ होता है। एक बार वह विश्वास टूट जाता है तो वह कभी जुड़ नहीं सकता चाहे उसे किसी तरह भी जोड़ने की कोशिश की जाए उसमे गांठ पड़ ही जाती है।

(ख) हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?

उत्तर :- कवि कहते हैं कि हमें हमारी मन की व्यथा को मन में ही रखना चाहिए किसी के सामने उसका बखान नहीं करना चाहिए। क्योंकि आज कल के लोग ऐसे होते हैं जो किसी व्यक्ति का दुख सुनकर उसका मज़ाक उड़ाते है, जगह- जगह फैलाते हैं लेकिन आपकी कही बात को कोई बांटता नहीं हैं।

(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?

उत्तर :- रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल अर्थात् कीचड़ के जल को धन्य कहा है क्योंकि हम सब जानते है कि समुंद्र का जल खारा होता है जिसे कोई पी भी नहीं सकता, तो उसका क्या उपयोग जबकि कीचड़ का जल जिसमें छोटे-छोटे कीट अर्थात् जानवर पनपते कि और अपनी भूख-प्यास मिटाते हैं।

(घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?

उत्तर :- कवि कहना चाहते हैं कि अगर हम कुछ काम करते हैं तो, एक एक करके करना चाहिए। पहले पहला काम, फिर दूसरा अर्थात् धीरे – धीरे एक एक काम करना चाहिए। एक काम करने से ही दूसरा काम होगा, दूसरे से तीसरा ऐसे सभी काम हो जायेंगे। लेकिन अगर हम सभी काम इकट्ठा करेंगे तो एक भी नहीं हो पाएगा। सभी काम चले जाएंगे। जैसे धीरे-धीरे एक एक कार्य के साथ खेत सींचना।

(ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?

उत्तर :- जलहीन से अभिप्राय है कि बिना पानी के कमल का बचाव सूर्य भी नहीं कर सकता ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि जल पानी में ही तो खिलता फूलता है, उसी में जीवित रहता है। जब ये ही नहीं होगा तो सूर्य भी कमल की रक्षा करने में सक्षम नहीं होगा।

(च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?

उत्तर :- यहां रहीम ने अवध नरेश श्री राम को कहा है अर्थात् अवध के राम। जब श्री राम पर चौदह वर्ष वनवास की विपदा आन पड़ी थी उस समय श्री राम चित्रकूट गए थे।

(छ) ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?

उत्तर :- नट अपने शरीर को सिकोड़कर तंग मुह वाली कुंडली के बीच से कुशल तरीके से निकलने की कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है।

(ज) “मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :- कवि ने पानी की तुलना चमक, आत्म-सम्मान, और आटे के साथ की है। कवि कहते हैं कि मोतियों का चमक के बिना, मनुष्य का आत्म-सम्मान के बिना और आटे का पानी के बिना कोई मोल नहीं होता। उसी तरह पानी के बिना हमारा जीवन कुछ नहीं है।

प्रश्न 2 – निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए:-

(क) टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।

उत्तर :- भाव यह है कि प्रेम रूपी धागा विश्वास के ऊपर टिका होता है, यदि वह टूट जाए तो दोबारा से नहीं मिलता उसमें गाँठ पड़ ही जाती है।

(ख) सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।

उत्तर :- आज कल जब भी कोई अपना दुख किसी और को बताता है तो वह उसका दुःख- दर्द बांटता नहीं है बल्कि सुनकर सब उसका मजाक ही उड़ाते हैं।

(ग) रहिमन मूलहिं सचिबो, फूलै फलै अघाय।

उत्तर :- रहिमन कहते हैं सिर्फ जड़ को सींचने से पूरा पेड़ फूलों और फलों से तृप्त हो जाता है। हमें इसके लिए अलग-अलग किसी चीज़ पर ध्यान देने की जरूरत नहीं होती।

(घ) दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।

उत्तर :- भाव यह है कि दोहे में अक्षर थोड़े होते हैं लेकिन उसमें बड़ा अर्थ छिपा होता है। उसी तरह हमें किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए। छोटा व्यक्ति भी बड़ा काम कर सकता है।

(ङ) नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।

उत्तर :- भाव यह है कि अच्छी आवाज़ से मोहित होकर हिरण अपना शरीर त्याग देता है उसी तरह मानव भी जब खुश होता है कोई बात अच्छी लगती है या वे किसी पर मोहित होते हैं तो अपना तन, मन, धन सब न्योछावर कर देते हैं।

(च) जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।

उत्तर :- इससे अभिप्राय यह है कि कुछ काम ऐसे होते है जहां सुई काम आ जाती हैं, वहां तलवार क्या करेंगी अर्थात् बड़ी चीज़ के लालच में छोटी चीज़ो को नहीं ठुकराना चाहिए।

(छ) पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।

उत्तर :- कवि यही कहते हैं कि, हमें पानी को बचाकर रखना चाहिए। पानी के बिना हमारा जीवन कुछ नहीं है, इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते, जिस प्रकार मोती का चमक के बिना, मनुष्य का आत्म – सम्मान के बिना और आटे का पानी के बिना कोई मोल नहीं है उसी तरह पानी के बिना भी कुछ नहीं।

प्रश्न 3 – निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया हैं:-

(क) जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।

उत्तर :- जा पर विपदा पड़त है, सो आवत यह देस।

(ख) कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।

उत्तर :- बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।

(ग) पानी के बिना सब सूना है अतः पानी अवश्य रखना चाहिए।

उत्तर :- रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।

प्रश्न 4 – उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-

उदाहरण : कोय – कोई, जे – जो

ज्यों – ……….

कछु – ………

नहिं – ……..

ऊबरै – ………

कोय – ……..

धनि – ……….

आखर – ………

जिय – ……….

थोरे – ……..

होय – ………

माखन – ……….

तरवारि – ………..

सचिबो – ………….

मूलहिं – ……….

पिअत – ……….

पियासो – ……….

बिगरी – ……….

आवे – ………

सहाय – ……….

ऊबरै – ………..

बिनु – ………

बिथा – ……….

अठिलैहैं – ………..

परिजाय – ………..

उत्तर :- ज्यों – जैसा

कछु – कुछ

नहिं – नहीं

कोय – कोई

धनि – धन

आखर – अक्षर

जिय – जीव

थोरे – थोड़े

होय – होना

माखन – मक्ख़न

तरवारि – तलवार

सचिबो – सींचना

मूलहिं – मूल

पिअत – पीना

पियासो – प्यासा

बिगरी – बिगड़ी

आवे – आना

सहाय – सहायक

ऊबरै – उबरना

बिनु – बिना

बिथा – व्यथा

अठिलैहैं – इठलाना

परिजाय – पड़ जाए

योग्यता विस्तार

प्रश्न 1 – सुई की जगह तलवार काम नहीं आती’ तथा ‘बिन पानी सब सून’ इन विषयों पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।

उत्तर :- सोनू :- बिना पानी सब खाली- खाली लगता है।

मोनू :- पानी के बिना हम जीवित नहीं रह सकते।

टीना :- पानी ही हमारा जीवन है।

प्रश्न 2 – चित्रकूट’ किस राज्य में स्थित है, जानकारी प्राप्त कीजिए।

उत्तर :- चित्रकूट भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। यह पवित्र और धार्मिक स्थल है। यहां श्रीराम जी अपने वनवास के समय गए थे। यहां अनेक मंदिर भी है। यह एक तीर्थस्थल भी माना जाता है। यहां कण – कण में श्रीराम बसे हुए है। चित्रकूट का प्रभाव सबको मोहने वाला है। यहां का प्रत्येक दिन सुगंधित हवाओं, साफ हरियाली भरे वातावरण के साथ एक नई सुबह लेकर आता है।

परियोजना कार्य

नीति संबंधी अन्य कवियों के दोहे/कविता एकत्र कीजिए और उन दोहों/कविताओं को चार्ट पर लिखकर भित्ति पत्रिका पर लगाइए।

उत्तर :- नीति संबंधी कवियों के दोहे:-

तुलसीदास :- तुलसी मीठे बचन ते, सुख उपजत चहुँ ओर।

            बसीकरन इक मंत्र है, तज दे बचन कठोर।।

             आवत ही हर्ष नहीं, नैनन नहीं सनेह।

          तुलसी तहाँ न जाइए, कंचन बरसे मेह।।

कबीर :- जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान।

            मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।

              दोस पराए देख‍ि करि, चला हसंत हसंत।

            अपने या न आवई, जिनका आदि न अंत।।

हमें इन दोहों को भित्ति पत्रिका में लगाना है।

कक्षा 9 हिंदी स्पर्श भाग-1 के सभी पाठ के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

एनसीईआरटी समाधान :- “स्पर्श भाग-1″

अध्यायविषय के नाम
1 (गद्य खंड)दुःख का अधिकार (यशपाल)
2एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा (बचेंद्री पाल)
3तुम कब जाओगे, अथिति (शरद जोश)
4वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन (धीरंजन मालवे)
5धर्म की आड़ (गणेशशंकर विद्यार्थी)
6शुक्रतारे के समान (स्वामी आनंद)
7 (काव्य खंड)रैदास
8रहीम
9आदमी नामा (नज़ीर अकबराबादी)
10एक फूल की चाह (सियारामशरण गुप्त)
11गीत-अगीत (रामधारी सिंह दिनकर)
12अग्नि पथ (हरिवंशराय बच्चन)
13नए इलाके में (अरुण कमल)

कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 8 रहीम के लिए एनसीईआरटी समाधान प्राप्त करके आपको कैसा लगा?, हमें अपना बहुमूल्य कमेंट जरूर करें। कक्षा 9 हिंदी स्पर्श अध्याय 8 के प्रश्न उत्तर (Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 Question Answer) देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप कक्षा 9 के अन्य विषयों के एनसीईआरटी समाधान यहां से देख सकते हैं। साथ ही कक्षा 9 हिंदी विषय की एनसीईआरटी पुस्तक भी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा 9 हिंदी किताब क्षितिजकृतिकासंचयन के प्रश्न उत्तरयहां से देखें

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