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NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva Chapter 13 नृत्यांगना सुधा चंद्रन
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कक्षा : 7
विषय : हिंदी (दूर्वा भाग -2)
अध्याय : 13 (नृत्यांगना सुधा चंद्रन)
प्रश्न अभ्यास:-
1 . पाठ से :-
(क) सुधा के स्वप्नों की इंद्रधनुषी दुनिया में अँधेरा कैसे छा गया ?
उत्तर :- सुधा चंद्रन की माता श्रीमती थंगम एवं पिता श्री के. डी. चंद्रन की हार्दिक इच्छा थी कि उनकी पुत्री राष्ट्रीय ख्याति की नृत्यांगना बने। इसीलिए चंद्रन दंपत्ति ने सुधा को पाँच वर्ष की अल्पायु में ही मुंबई के प्रसिद्ध नृत्य विद्यालय ‘ कला–सदन‘ में प्रवेश दिलवाया। पहले–पहल तो नृत्य विद्यालय के शिक्षकों ने इतनी छोटी उम्र की बच्चीं के दाखिले में हिचकिचाहट महसूस की किंतु सुधा की प्रतिभा देखकर सुप्रसिद्ध नृत्य शिक्षक श्री के.एस. रामास्वामी भागवतार ने उसे शिष्या के रूप में स्वीकार कर लिया और सुधा उनसे नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करने लगी। नृत्य के साथ–साथ, अध्ययन में भी सुधा ने अपनी प्रतिभा दिखाई लेकिन सुधा के स्वप्नों की इंद्रधनुषी दुनिया में एकाएक 2 मई, 1981 को अँधेरा छा गया। 2 मई को तिरूचिरापल्ली से मद्रास जाते समय उनकी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में सुधा के बाएँ पाँव की एड़ी टूट गई और दायाँ पाँव बुरी तरह जख्मी हो गया।
(ख) डॉ. सेठी ने सुधा के लिए क्या किया ?
उत्तर :- सुधा ने लकड़ी के गुटके के पाँव और बैसाखियों के सहारे चलना शुरू कर दिया और मुंबई आकर वह पुनः अपनी पढ़ाई में जुट गई। इसी बीच सुधा ने मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सुप्रसिद्ध कृत्रिम अंग विशेषज्ञ डॉ. पी.सी. सेठी के बारे में सुना। वह जयपुर गई और डॉ. सेठी से मिली। डॉ. सेठी ने सुधा को आश्वस्त किया कि वह दुबारा सामान्य ढंग से चल सकेगी। इस पर सुधा ने पूछा- “ क्या मैं नाच सकूँगी ? “ डॉ . सेठी ने कहा- “ क्यों नहीं , प्रयास करो तो सब कुछ संभव है। “ डॉ . सेठी ने सुधा के लिए एक विशेष प्रकार की टाँग बनाई जो अल्यूमिनियम की थी और इसमें ऐसी व्यवस्था थी कि वह टाँग को आसानी से घुमा सकती थी। सुधा एक नए विश्वास के साथ मुंबई लौटी और उसने नृत्य का अभ्यास शुरू करना चाहा किंतु इस प्रयास में कटी हुई टाँग से खून निकलने लगा। कोई भी सामान्य व्यक्ति इस तरह की घटना के बाद दुबारा नाचने की हिम्मत कतई नहीं करता किंतु सुधा साधारण मिट्टी की नहीं बनी थी। जल्दी ही उन्होंने अपनी निराशा पर काबू प्राप्त किया और अपने नृत्य प्रशिक्षक को साथ लेकर डॉ. सेठी से पुनः मिली। डॉ. सेठी ने अपने अनुभवों के निचोड़ से सुधा के लिए ऐसा कृत्रिम पाँव बनाया, जिससे उन्हें नृत्य करने में अधिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। इस तरह उन्होंने सुधा का सपना साकार किया और उनके जीवन को एक नई दिशा प्रदान की। आगे चलकर सुधा उनके बनाए कृत्रिम पैर के सहारे नृत्य करने में सफल हो पायी।
(ग) . सुधा पूरे भारत में कैसे लोकप्रिय हो गई ?
उत्तर:- सुधा ने कभी भी हिम्मत नहीं हारी, वह अपनी परिस्थितियों से लड़ती रही। उन्होंने सबको दिखा दिया कि विकलांग होने से जीवन खत्म नहीं होता। यदि हम चाहे तो अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। वह सबके लिए प्रेरणा स्वरूप थी। मयूरी‘ की सफलता को देखते हुए इसके निर्माता ने यह फ़िल्म हिंदी में भी ‘नाचे मयूरी‘ नाम से प्रदर्शित की और सुधा ने पूरे भारत को अपनी प्रतिभा का मुरीद कर दिया। आज सुधा एक व्यस्त नृत्यांगना ही नहीं , फ़िल्म कलाकार भी हैं। सुधा को उसके असामान्य साहस और श्रेष्ठ उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं और वह पूरे भारत में लोकप्रिय हो गई।
2. विलोम शब्द लिखो:-
आशा – निराशा
कठिन – ______
आदर – _____
अँधेरा – ______
आकार – ______
इच्छा – ______
उत्तर:- कठिन – सरल
आदर – अनादर
अँधेरा – उजाला
आकार – निराकार
इच्छा – अनिच्छा
3. सही चिह्न लगाओ:-
“ “ । , ?
सुधा ने पूछा क्या मैं नाच सकूँगी डॉ. सेठी ने कहा क्यों नहीं प्रयास करो तो सब कुछ संभव है।
उत्तर :- सुधा ने पूछा, “क्या मैं नाच सूकँगी ? ” डॉ. सेठी ने कहा, “क्यों नहीं, प्रयास करो तो सब कुछ संभव है।“
4. क्या पहले, क्या बाद में :-
नीचे सुधा चंद्रन के जीवन की कुछ घटनाएँ बताई गई हैं। इन्हें सही क्रम में लगाओ।
• सुधा डॉ. सेठी से मिली।
• सुधा नृत्य का फिर से प्रशिक्षण लेने लगी।
• सुधा ने प्रीति के साथ नृत्य किया।
• सुधा को अभिनय के लिए विशेष पुरस्कार मिला।
• सुधा का पैर काटना पड़ा।
• सुधा ने नृत्य विद्यालय में प्रवेश लिया।
उत्तर :- सुधा ने नृत्य विद्यालय में प्रवेश लिया।
• सुधा का पैर काटना पड़ा।
• सुधा डॉ. सेठी से मिली।
• सुधा नृत्य का फिर से प्रशिक्षण लेने लगी।
• सुधा ने प्रीति के साथ नृत्य किया।
• सुधा को अभिनय के लिए विशेष पुरस्कार मिला।
5. एक चुनौती:-
शारीरिक शब्द में एक साथ ि ी की मात्राओं का प्रयोग होता है। तुम भी ऐसे ही अन्य शब्द खोजो और यहाँ लिखो।
नमूना:- विनती शारीरिक नीति
_____ _____ ______
_____ _____ _____
_____ _______ ______
उत्तर:- जिसकी इसीलिए रीति
जितनी मिट्टी नीमि
चिमटी प्रीति जिमी
6. खोजबीन और बातचीत :-
(क) सुधा के जीवन पर फ़िल्म बनी थी। कुछ अन्य व्यक्तियों के नाम पता करो और लिखो, जिनके जीवन पर फ़िल्में बनाई गई हों।
उत्तर :- जीवन पर आधारित कुछ फिल्म देशभक्तों से जुड़ी हुई है। जैसे:- द लिजेंड ऑफ भगत सिंह, लिजेंड ऑफ भगत सिंह, सरदार तो कुछ महिलाओंको से जुड़ी जैसे:- मदर इंडिया और आंधी।
(ख) सुधा यात्रा के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। पता करो कि यात्रा के दौरान दुर्घटना से कैसे बचा जा सकता है ? सावधानियों की सूची बनाओ।
उत्तर :- दुर्घटना से बचने के लिए सबसे पहले हमें वाहन सावधानी से चलना चाहिए। सड़क पर चलते समय हम सभी को सावधानी रखनी चाहिए। शराब पीकर वाहन नहीं चलाएं, वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करें, चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट अवश्य पहनें। सड़क सुरक्षा के नियमों की पूरी तरह पालना करते हुए वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। वाहन की गति सीमा में होनी चाहिए। यातायात नियमों और सिग्नल हर फोलो करना चाहिए। आजकल सडको में आने और जाने के लिए दो अलग अलग रास्ते बने होते है जिनमे एक तरफ से जाने के लिए तो दूसरी तरफ आने के लिए रास्ते बने होते है इसलिए जो रास्ते जिधर के जाने के लिए बने होने हो उसी रास्ते के हिसाब से गाड़ी चलाना चाहिए।
(ग) क्या तुम किसी विकलाँग व्यक्ति को जानते हो? उसके बारे में बताओ।
उत्तर:- मैं जहां काम करता हूँ वहां एक विकलांग व्यक्ति है। उसका नाम आशीष है। उसका एक्सीडेंट हुआ था जिसकी वजह से उसका पाँव कट गया। उसे काफी सुविधाएं तो मिली हुई है लेकिन फिर भी उसे उसके पाँव खो जाने का अफ़सोस होता ही होगा। लेकिन ऐसा कुछ हो तो भी जीवन से हमें हार नहीं माननी चाहिए।
(घ) कुछ ऐसे विकलाँग व्यक्तियों के नाम लिखो जिन्होंने जीवन में विशेष सफलता प्राप्त की है।
उत्तर :- अरुणिमा सिन्हा ने अपनी जिंदगी में कई मुश्किलों का समाना किया। अरुणिमा को चलती ट्रेन से डाकुओं ने नीचे फेंक दिया था। जिससे उन्हें अपना एक पैर खोना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने अपने जज्बे में कोई कमी नहीं आने दी और दो साल पहले ही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली अरुणिमा पहली विकलांग महिला बनीं।
गिरीश शर्मा बैडमिंटन चैंपियन रह चुके हैं। हालांकि बचपन में ट्रेन एक्सीडेंट में उन्होंने अपनी एक टांग खो दी थी। इसके बावजूद वह कभी पीछे नहीं हटे और बेहतरीन प्लेयर बनकर सामने आए।
रामाकृष्णन कम उम्र में ही पोलिया का शिकार हो गए। जिसके चलते उनके दोनों पैर खराब हो गए। शुरुआत में उन्हें कई स्कूलों ने अपाहिज के चलते एडमीशन देने से मना कर दिया था। लेकिन रामाकृष्णन ने कभी हार नहीं मानी और अपनी जिंदगी को बेहतर ढंग से जिया। उन्होंने 40 साल तक जर्नलिस्ट के तौर पर कम किया और फिलहाल वह एसएस म्यूजिक टेलिविजन चैनल के सीईओ हैं।
सुधा चंद्रन इंडियन एक्ट्रेस और क्लॉसिकल डांसर हैं। सुधा का जन्म केरल में हुआ था। वह जब 16 साल की थीं, तब एक दुर्घटना का शिकार हो गईं थी। डॉक्टर्स ने पैर का ऑपरेशन किया लेकिन घाव पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए। जो बाद में इंफेक्शन का कारण बना और सुधा को अपना एक पैर खोना पड़ा। सुधा ने इसे अपनी कमजोरी नहीं माना और नकली पैर की बदौलत एक बेहतरीन डांसर बनकर उभरीं।
सुरेश अडवाणी एक कैंसर के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। लेकिन वह 8 साल की उम्र में पोलिया का शिकार बन गए। 2002 में पद्मश्री और 2012 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।
(ङ) भारत के कुछ नृत्यों और नर्तक/नर्तकियों के नाम पता करो और कक्षा में सबको बताओ।
उत्तर:- भरतनाट्यम नृत्य, कत्थक नृत्य, कथकली नृत्य, कुचिपुड़ी नृत्य, ओडिसी नृत्य, मणिपुरी नृत्य, सत्त्रिया नृत्य, मोहिनीअट्टम नृत्य और नृत्य का प्रदर्शन करने वाले पुरुष को नर्तक और स्त्री को नर्तकी कहते हैं। अच्छन महाराज, राघव जुयाल, माइकल जैकसन, लच्छु महाराज, शम्भु महाराज, सोनल मानसिंह, मल्लिका साराभाई और शोवना नारायण ये प्रसिद्व नर्तक और नर्तकिया है।
(च) पता करो भारत में मैग्सेसे पुरस्कार किन-किन व्यक्तियों को मिला है।
उत्तर:- कुछ व्यक्तियों के नाम निम्नलिखित है:-
1991 के. वी. सुबन्ना
1989 लक्ष्मीचंद जैन
1982 मनीभाई देसाई
1981 गौर किशोर घोष
1981 प्रमोद करण सेठी
1979 राजनकांत अरोल
1979 माबेला अरोल
1976 शम्भु मित्रा
1966 कमला देवी चटोपाध्याय
1963 डी. एन. खुरोदे
1963 त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल
1962 मदर टेरेसा
1961 अमिताभ चौधरी
1959 सी. डी. देशमुख
2011 नीलिमा मिश्रा
2012 कुलांदेई फ्रांसिस
2015 अंशु गुप्ता
2015 संजीव चतुर्वेदी
2016 टी. एम. कृष्णा
2018 भरत वाटवानी
2016 बेज़वाडा विल्सन
2019 रविश कुमार
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी दूर्वा भाग 2 के सभी अध्याय नीचे देखें
कक्षा 7 हिंदी दूर्वा भाग 2
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